NAMAZE JANAZA KA TARIKA नमाज़े जनाज़ा का तरीका

NAMAZE JANAZA KA TARIKA नमाज़े जनाज़ा का तरीका
NAMAZE JANAZA KA TARIKA नमाज़े जनाज़ा का तरीका

NAMAZE JANAZA KA TARIKA नमाज़े जनाज़ा का तरीका namaz e janaza ki dua in hindi namaz e janaza ka tarika hindi namaz e janaza ki dua pdf free download

इस्लाम धर्म में जब कोई इंतकाल कर जाता है। (इंतकाल का मतलब मृत्यु. मर जाना, दुनिया छोड़ देना, आखिरत की और जाना इत्यादि) ऐसे में नमाज़े जनाज़ा पहले पढ़ा जाता है फिर बाद में कब्र में दफन किया जाता है।

नमाज़े जनाज़ा की नियत कैसे करें? हिंदी में, उर्दू में, मय्यत की दुआ इन हिंदी, जनाजे की नमाज में क्या पढ़ा जाता है? इत्यादि की जानकारी इसे लेख में बताने की कोशश करेंगे।

Namaz e Janaza in Hindi – इस्लाम धर्म में नमाज ए जनाजा या सलात अल-जनाज़ा(अरबी) अंतिम संस्कार या अंतिम विदाई की एक प्रथा है। जिस तरह से हिन्दू धर्म में जब किसी की मृत्यु हो जाती है। ऐसे में उसका अंतिम संस्कार किया जाता है।

ठीक इसी तरह से मुस्लिम समुदाय में अंतिम संस्कार को नमाज ए जनाजा या सलात अल-जनाज़ा के नाम से जाना जाता है। नमाज ए जनाजा क्या होता है समझ गए होंगे यही उम्मीद है।

अगर किसी मुस्लिम व्यक्ति की मय्यत हो जाती है। ऐसे में सभी मुस्लिम भाई का फर्ज बनता है नमाज ए जनाजा में शामिल हो। अगर कोई मुस्लिम व्यक्ति जनाजा शामिल नहीं होता है खुद जवाबदेह होगा क्योकि अल्लाह पाक जो गैब की बाते जानता है।

NAMAZE JANAZA KA TARIKA नमाज़े जनाज़ा का तरीका
NAMAZE JANAZA KA TARIKA नमाज़े जनाज़ा का तरीका

NAMAZE JANAZA KA TARIKA

इस दुनिया को बनाने वाला अल्लाह है और हर किसी को उसी की तरह कर जाना है लेकिन इंसान जब इंतकाल कर जाते है तो नमाज ए जनाजा पढाया जाता है ऐसे में NAMAZE JANAZA KA TARIKA जाने जोकि निम्नवत है –

हर जानदार को मौत का मजा चखना है जिसकी जनाजे की नमाज दुनिया के मौजूद इंसान/रिश्तेदार/पड़ोसी/इत्यादि पढ़ते है आइये जाने नमाज़े जनाज़ा का तरीका

नमाज़े जनाज़ा की नियत हिंदी में

जनाजे की नमाज़ की नियत यूँ है कि– “नियत की मैंने नमाज ए जनाजा की 4 त्क्बीरो के साथ वास्ते अल्लाह ता अला के दुआ इस मय्यत के लिए पीछे इस इमाम के, मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ~ अल्लाहु अकबर”

नमाज़े जनाज़ा का तरीका

जो लोग नमाज़े जनाज़ा का तरीका सीखना चाहते है हिंदी में उनके लिए यहाँ पर तरीका लिखा जा रहा है –

सबसे पहले Namaze Janaza की नियत करें फिर “अल्लाहु अकबर” कहते हुए हाथ कान तक ले जाएँ फिर नाफ के नीचे हस्बे-दस्तूर दोनों हाथ को बाँध ले अब नमाजे जनाजा में पहले सना पढ़े।

सना: “सुबहाना कल्ला हुम्मा व बिहम्दिका व तबारा कस्मुका व त’आला जद्दुका वला इलाहा गैरुका” सना तर्जुमा: ए अल्लाह मैं तेरी पाकि बयां करता हु और तेरी तारीफ करता हूँ और तेरा नाम बरकतवाला है बुलंद है तेरी शान और नहीं है माबूद तेरे सिवा कोई

  • नमाज ए जनाजा (Namaz e Janaza) में सना पढ़ने के बाद
  • दूसरी बार अल्लाहु अकबर कहे और दरूद शरीफ पढ़े
  • इसके बाद नमाज की “अत्तहिय्यात” के बाद जो “दरूद शरीफ” पढ़ा जाता है
  • उसी दरूद शरीफ का पढ़ना बेहतर है
  • बगैर हाथ उठाये तीसरी बार अल्लाहु अकबर कहे
  • इसके बाद जनाजे की नमाज जिसकी पढ़ रहे है उस मय्यत/मरहूम के लिए मगफिरत दुआ मागे।
  • चौथी बार अल्लाहु अकबर कहे और उसके बाद बगैर कोई दुआ पढ़े हाथ खोल कर सलाम फेर दे।
  • सलाम में मय्यत व् फरिश्तो और हाजिरिनो की नियत करे।

नमाज ए जनाजा की दुआ

जो लोग नमाज ए जनाजा की दुआ पढ़ना चाहते है उनके लिए यहाँ लिखा हुआ है – इस्लाम में बालिग़ मर्द, बालिग़ औरत, नाबालिक बच्चे (लड़का), नाबालिक बच्चे (लड़की) के लिए नमाज ए जनाजा की दुआ बताया गया है जो निम्नवत है –

बालिग़ मर्द की नमाज ए जनाजा की दुआ

“अल्लाहुम्मग्फिरली हय्यिना व मय्यितिना व शाहिना व गाइबिना व सगिरिना व कबिरिना व जाकारिना व उनसाना अल्लाहुम्मा मन अहयइतहु मिन्ना फ़अहइही अल्ल इस्लामी व मन फ़तवफ़्फ़ाहू मिन्ना फ़तवफ़्फ़ाहू अललईमान” ~ बालिग़ औरत की नमाज ए जनाजा दुआ

नाबालिक बच्चे की जनाजे की दुआ

नाबालिक बच्चे की जनाजे की दुआ (लड़का/लड़के) के लिए यूँ है कि- अल्लाहुम्मज् अल्हा लना फ़रातव वज्अल्हा लना अज्रव व जुख़्रव वज्अल्हा लना शाफ़िअव व मुशफ़्फाअह ~ नाबालिक बच्चे की जनाजे की दुआ (लड़का)

लड़की नाबालिक बच्चे की जनाजे की दुआ

नाबालिक बच्चे की जनाजे की दुआ (लड़की) के लिए यूँ है कि- अल्लाहुम्मज् अल्हा लना फ़रातव वज्अल्हा लना अज्रव व जुख़्रव वज्अल्हा लना शाफ़िअव व मुशफ़्फाअह ~ नाबालिक बच्चे की जनाजे की दुआ (लड़की)

कब्र पर मिट्टी देने की दुआ

जब बच्चा बच्ची मर्द औरत लड़का लड़की कोई भी इनमे से इन्तेकाल कर जाता है तो मिटटी देना चाहिए मिट्टी देने की दुआ सबके लिए एक जैसे है जो निम्न है –

  • पहली बार मिट्टी देने की दुआ~ मिन्हा खलक ना कुम
  • दूसरी बार मिटटी देने की दुआ ~ व फिहा नोइदोकुम
  • तीसरी बार मिट्टी देने की दुआ ~ व मिन्हा नुखरे जोकुम तरतुल उखरा

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