HADEES IN HINDI – कुरान हदीस की बातें ईद हदीस

HADEES IN HINDI कुरान हदीस की बातें ईद हदीस
HADEES IN HINDI कुरान हदीस की बातें ईद हदीस

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इस्लाम धर्म में ईद उल अजहा को भारत में बकरीद, बकरा ईद के नाम से भी जाना जाता है ईद उल अजहा को कुर्बानी वाली ईद के नाम से भी जानते है

इस्लाम ईद उल अजहा को बहुत ही अमहमियत दी जाती है इस दिन नमाज पढ़ते है फिर बकरे या बकरा की कुर्बानी दी जाती है हदीस की किताब से कुछ ईद उल अजहा हदीस ( Eid Ul Adha Mubarak Hadees )

HADEES IN HINDI कुरान हदीस की बातें ईद हदीस
HADEES IN HINDI कुरान हदीस की बातें ईद हदीस

HADEES IN HINDI कुरान हदीस की बातें

यहाँ पढ़े हिंदी में HADEES IN HINDI कुरान हदीस की बातें –

अल्लाह के रसूल ﷺ ने फ़रमाया :

कोई दिन नहीं जिस में अल्लाह अरफ़ा के दिन से बढ़ कर बन्दों को आग से आज़ाद फ़रमाता हो, वो (अपने बन्दों के) क़रीब होता है। – सही मुस्लिम : 3288, INT-1348)

अल्लाह के नबी ﷺ से अरफ़ा के दिन के रोज़े के बारे में पूछा गया?

आप ﷺ ने फ़रमाया : अरफ़ा के दिन के रोज़े की वजह से में अल्लाह से उम्मीद रखता हूँ कि वो उससे पहले साल-भर के और उसके बाद के साल-भर के गुनाह माफ़ फ़रमा देगा। – इब्ने माज़ा : 1730 सही मुस्लिम : 2447, (INT-1162)

अल्लाह के ऱसूल ﷺ ने फ़रमाया:-

मैं समझता हूँ की अरफा के दिन रोज़ा रखने का सवाब अल्लाह ताला ये देगा की उसके अगले पिछले एक साल के गुनाह बख़्श दिये जाएँगे।” – (सुनन इब्ने माजा हदीस ऩ़ः 1730)

हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया

“सबसे बेहतर दुआ अरफ़ा वाले दिन की दुआ है और मैंने अब तक (बतोर ज़िक्र) जो कुछ कहा और मुझ से पहले जो दूसरे नबियों ने कहा इनमें सबसे बेहतर दुआ ये है “ – तिर्मिज़ी 3585

नबी की हदीस हिंदी ISLAMIC HADEES HINDI

READ HERE नबी की हदीस हिंदी ISLAMIC HADEES IN HINDI – ऐ परवरदिगार, मुझे एक बेटा दे जो नेक लोगों में से हो। हमने उसे एक हलीम (सहनशील) लड़के की ख़ुशख़बरी दी।

ﺑِﺴْـــــــــــــﻢِﷲِالرَّحْمٰنِﺍلرَّﺣِﻴﻢ

वो लड़का जब उसके साथ दौड़-धूप करने की उम्र को पहुँच गया तो (एक दिन) इब्राहीम ने उससे कहा, बेटा! मैं ख़ाब में देखता हूँ कि मैं तुझे ज़बह कर रहा हूँ अब तू बता, तेरा क्या ख़याल है?

उसने कहा, “अब्बाजान, जो कुछ आपको हुक्म दिया जा रहा है उसे कर डालिये। अल्लाह ने चाहा तो आप मुझे सब्र करनेवालों में से पाएँगे। आख़िरकार जब उन दोनों ने अपने आपको हवाले कर दिया

और इबराहीम ने बेटे को माथे के बल गिरा दिया। और हमने आवाज़ दी कि “ऐ इबराहीम, तूने ख्वाब (सपना) सच कर दिखाया। हम नेकी करनेवालों को ऐसा ही बदला देते हैं।

यक़ीनन ये एक खुली आज़माइश थी।” और हमने एक अ़ज़ीम ज़बीहा (यानी क़ुरबानी के जानवर) का फ़िदया देकर उस बच्चे को बचा लिया। – 📓(Qur’an: 37.100-107)

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