QURBANI KI DUA AUR TARIKA QURBANI KA TARIKA QURBANI KI DUA IN HINDI कुर्बानी की दुआ इन हिंदी कुर्बानी की दुआ in Hindi PDF FREE DOWNLOAD
इस्लामिक भाइयों बहनों कुर्बानी का समय यानी ईद उल अज़हा आने को करीब है ऐसे में ईद उल अज़हा पर कुर्बानी बकरा जिबह किया जाता है लेकिन बकरा जिबह से पहले और बाद में दुआ पढ़ी जाती है जिससे कुर्बानी का बकरा हलाल हो जाता है
QURBANI KI HADEES IN HINDI
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हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया जब तुम ज़िलहिज्ज़ा का चाँद देखो और तुम में से कोई शख़्स क़ुर्बानी का इरादा रखता हो तो वह अपने बाल और नाखूनों को (ना काटे) अपने हाल पर रहने दे” – मुस्लिम 5119
QURBANI KI DUA IN HINDI
READ QURBANI KI DUA IN HINDI – इन्नी वज्जहतु वजहि य लिल्लज़ी फ़ त रस्मावाति वल अर्दा हनीफँव व् मा अ न मिनल मुशरिकीन इन न सलाती व नुसुकी मह्या य व ममाती लिल्लाहि रब्बिल आलमीन” “ला शरी क लहू व बि ज़ालि क उमिरतु व अ न मिनल मुस्लिमीन * अल्लाहुम्मा ल क व मिन क बिस्मिल्लाहि अल्लाहु अकबर
कुर्बानी के बाद की दुआ यानी जिबह बाद की दुआ
अल्लाहुम्मा तकब्बल मिन्नी कमा तकब्बलता मिन ख़लीलिक इबराहीमा अलैहिस्सलामु व हबीबिक मुहम्मदिन सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम
क़ुरबानी अगर किसी और की तरफ से हो तो मिन्नी की जगह मीन कहकर उस शख्स का नाम ले ! बहुत सी जगह देखा गया है ! की ज़बह के वक़्त जो भी हज़रात वहा मौजूद होते है ! वो बा आवाज़ बुलंद अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर पढ़ते रहते है ! यह अच्छा तरीका है !
QURBANI KA TARIKA
READ HERE QURBANI KA TARIKA – कुर्बानी का तरीका – कुर्बानी की दुआ
कुर्बानी हज़रत इब्राहिम की सुन्नत है जाने कुर्बानी का सुन्नत तरीका इस्लाम में कुर्बानी के जानवर के हर बाल के बदले में एक नेकी मिलता है। इसलिए इस्लाम में कुर्बानी को बहुत महत्व दिया जाता है
जानवर को कुर्बानी से पहले अच्छे से खिलाना और पिलाना चाहिए उसकी हिफ़ाज़त भी करनी चाहिए। अपने नाम की कुर्बानी अपने हाथ से करना चाहिए याने जिबह करना ।
अगर आप जिबह नहीं कर सकते हैं तो किसी और से भी करवा सकते हैं। लेकिन कुर्बानी के समय जानवर के पास मौजूद रहना अफ़जल माना जाता है। जिबह यानी कुर्बानी से पहले जानवर को अच्छी तरह से बांध दें साथ ही किबला की तरफ मुंह करके सुलाए और जिबह के लिए पहले औजार(चाकू) को खूब तेज़ कर लें। ज़बह करने वाले भी अपने आप को किबला रुख कर लें और कुर्बानी की दुआ पढ़ें।
QURBANI KI DUA IN HINDI IN ENGLISH
Inni waz jahtu wajahi ya lillazi fa ta rassamawati wal arz hanifauv wa ma ana minal mushriqi na in na salaati wa nusuki wa mahya ya wa mamaati lillahi rabbil aalmin। La shariq lahu wa bizali ka uriratu wa ana minal muslimin। Allahumma ma la ka wa min ka bismillahi Allahu Akbar
QURBANI KI DUA IN HINDI IN ARABIC
إِنِّي وَجَّهْتُ وَجْهِيَ لِلَّذِي فَطَرَ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضَ حَنِيفًا وَمَا أَنَا مِنَ الْمُشْرِكِينَ إِنَّ صَلَاتِي وَنُسُكِي وَمَحْيَايَ وَمَمَاتِي لِلَّهِ رَبِّ الْعَالَمِينَ لَا شَرِيكَ لَهُ وَبِذَلِكَ أُمِرْتُ وَأَنَا أَوَّلُ الْمُسْلِمِينَ، بِسْمِ الله الله أَكْبَرُ।
QURBANI KI DUA KA TARJUMA
READ QURBANI KI DUA KA TARJUMA – मैंने उस ज़ात की तरफ़ अपना रुख मोड़ा जिसने आसमानों को और जमीनों को पैदा किया, इस हाल में में इब्राहीम में हनीफ़ के दीन पर हूं और मुश्रिको में से नहीं हूँ।
बेशक मेरी नमाज़ और मेरी इबादत और मेरा मरना और जीना सब अल्लाह के लिए है जो रब्बुल आलमीन है, जिसका कोई शरीक नहीं और मुझे इसी का हुक्म दिया गया है और मैं फरमाबरदारों में से हूं। ऐ अल्लाह, यह कुर्बानी तेरी तौफ़ीक़ से है और तेरे लिए है।
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