SABEKADAR KI NAMAZ शब ए कद्र की नमाज़ का तरीका shab e qadr namaz ka tarika shab e qadr ki namaz kaise padhi jaati hai shab e qadr ki namaz in hindi
शब ए क़द्र, जिसे लैलातुल क़द्र के नाम से भी पुकारा जाता है शब ए कद्र की रात यानी 27वी रमजान की रात को सुन्नी मुसलमान अल्लाह की इबादत करते है शब-ए-कद्र रमजान की आखिरी 10 रातों में से एक खास रात है। अधिकतर उलेमाओं 27वी रमजान को अधिक महत्व दिया है
इस्लाम धर्म में रमजान की 27वी तारीख को बहुत ही अहमियत कुछ कारणों से दी गई है – शब ए कद्र की रात के बारें में कहा जाता है कि – अल्लाह की बड़ी नेमत , रहमत अपने बंदो के लिए होती है और इस रात को माफ़ी की रात भी यानी मग्फिरत की रात भी मानी जाती है।
ऐसे में शब ए कद्र की नमाज़ का तरीका चलिए जाने लेकिन उससे पहले आपको बता दे – शब-ए-कद्र की रात पढ़ी जाने वाली नफिल नमाज़ों की कोई फिक्स रकात नहीं है आप जितनी चाहें उतनी नफिल नमाज अदा कर सकते हैं.
शब ए कद्र की नमाज़ का तरीका SABEKADAR KI NAMAZ
जिन्हें शब ए कद्र की नमाज़ का तरीका SABEKADAR KI NAMAZ जानना है वह यहाँ पर लिखा हुआ पढ़ सकता है –
शब ए कद्र की 2 रकात नफिल नमाज़ का तरीका यूँ है कि –
- सबसे पहले शब-ए-कद्र की रात को दो रकात नफिल नमाज की नियत करें
- नियत के बाद दोनों हाथों को नाभि के पास बांधे
- उसके बाद अन्य नफिल नमाज में जैसे पढ़ते है पढ़े
- अन्य नमाज की तरह दोनों रकात में सूरह फातिहा पढ़ ले
- सूरह फातिहा पढ़ने के बाद तीन बार बाद सूरह इखलास पढ़े
- जब नमाज मुकम्मल तो उसके बाद 100 बार सूरह कद्र की तिलावत करें
12 RAKAT SAB E KADAR KI NAMAZ
ऐसे बहुत से लोग है जो 12 RAKAT SABEKADAR KI NAMAZ भी पढ़ते है जो निम्नवत तरीके से पढ़ी जाती है –
- शबे कद्र की 12 रकात नफिल नमाज 4 सलाम के साथ के साथ पढ़े
- हर रकात में सूरह फातिहा के बाद एक मर्तबा सुरह कदर और 15 मर्तबा सूरह इखलास पढ़ें.
- इसके बाद 70 मर्तबा असतगफार की तिलावत करें
- 12 रकात नफिल नमाज को बहुत ही ख़ास माना जाता है
- इस नमाज को पढ़ने से नबीयों की नमाज पसंद जैसा सवाब मिलेगा इंशाअल्लाह
- इस नमाज को पढ़ने से इंशाअल्लाह सारे गुनाह मांफ कर दिए जाएँ
शब ए कद्र की नमाज के लिए कोई खांस नमाज नहीं है लेकिन इस रात को अल्लाह रब्बुल इज्जत की इबादत की रात, बड़ी नेमत , रहमत अपने बंदो के लिए होती है इसलिए इस रात को दुआ और नफिल नमाज जरुर पढ़े
शबे कद्र की रात की दुआ
अगर आप चाहे तो शबे कद्र की रात की दुआ भी पढ़े सकते है जो निम्नवत है –
इस रात यानी शबे कद्र की रात नफिल नमाज के दौरान जो दुआ याद होती है वह दुआ पढ़ते है उनमे से कुछ खांस दुआए निम्न है –
अल्लाहुम्मा इन्नाका अफुवुन तुहिब्बुल अफवा फाफु अन्नी रब्बना आतिना फिद्दुन्या हसनातौं व फिल आखिरती हसनतौं वकिना अजाबन नार। अल्लाहुम्मा इन्नी अस’लुका रिदाका वल जन्नह, वा औधु बीका मिन सखतिका वान-नार
एक हदीस के मुताबिक़ शबे कद्र की रात की दुआ –
नबी ए करीम (SAWS) ने फरमाया – अल्लाहुम्मा इन्नाका ‘अफुवुन, तुहिबुल-‘अफवा, फा’फू अन्नी –-तिर्मिज़ी
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