YA RABBE MUSTAFA LYRICS या रब्ब ए मुस्तफ़ा तू मुझे हज पे बुला – अगर आपको नात शरीफ पढना पसंद है ऐसे में आपके लिए एक और नात शरीफ हिंदी में लेकर हाजिर है YA RABBE MUSTAFA MUJHE HAJ PE BULA NAAT SHARIF LYRICS –
YA RABBE MUSTAFA LYRICS – या रब्ब ए मुस्तफ़ा तू मुझे हज पे बुला
READ HERE NAAT LYRICS YA RABBE MUSTAFA LYRICS – या रब्ब ए मुस्तफ़ा तू मुझे हज पे बुला –
- या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा ! तू मुझे हज पे बुला
- आ के मैं देख लूँ आँख से का’बा तेरा
- हज का शरफ़ हो फिर ‘अता, या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा !
- मीठा मदीना फिर दिखा, या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा !
- या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा ! तू मुझे हज पे बुला
- आ के मैं देख लूँ आँख से का’बा तेरा
- रुख़ सू-ए-का’बा, हाथ में ज़मज़म का जाम हो
- पी कर करूँ मैं फिर दु’आ, या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा !
- या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा ! तू मुझे हज पे बुला
- आ के मैं देख लूँ आँख से का’बा तेरा
- रोती रहे जो हर घड़ी ‘इश्क़-ए-रसूल में
- वो आँख दे दे, या ख़ुदा ! या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा !
- या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा ! तू मुझे हज पे बुला
- आ के मैं देख लूँ आँख से का’बा तेरा
- दे दे तवाफ़-ए-ख़ाना-ए-का’बा का फिर शरफ़
- फ़रमा ये पूरा मुद्द’आ, या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा !
- या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा ! तू मुझे हज पे बुला
- आ के मैं देख लूँ आँख से का’बा तेरा
- आँखों में जल्वा शाह का और लब पे ना’त हो
- जब रूह तन से हो जुदा, या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा !
- या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा ! तू मुझे हज पे बुला
- आ के मैं देख लूँ आँख से का’बा तेरा
- फ़िरदौस में पड़ोस दे अपने हबीब का
- मौला ‘अली का वासिता, या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा !
- या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा ! तू मुझे हज पे बुला
- आ के मैं देख लूँ आँख से का’बा तेरा
- सब अहल-ए-ख़ाना साथ में हों, काश ! चल पड़े
- सू-ए-मदीना क़ाफ़िला, या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा !
- या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा ! तू मुझे हज पे बुला
- आ के मैं देख लूँ आँख से का’बा तेरा
- तू बे-हिसाब बख़्श दे ‘अत्तार-ए-ज़ार को
- तुझ को नबी का वासिता, या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा !
- या रब्ब-ए-मुस्तफ़ा ! तू मुझे हज पे बुला
- आ के मैं देख लूँ आँख से का’बा तेरा
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