ROZA KHOLNE SE PAHLE KI DUA रोजा खोलने की दुआ हिंदी में फोटो

ROZA KHOLNE SE PAHLE KI DUA रोजा खोलने की दुआ हिंदी में फोटो
ROZA KHOLNE SE PAHLE KI DUA रोजा खोलने की दुआ हिंदी में फोटो

ROZA KHOLNE SE PAHLE KI DUA IN HINDI रोजा खोलने की दुआ हिंदी में फोटो roza kholne se pehle padhne ki dua roza kholne se pehle konsi dua padhe

पवित्र रमजान का मुबारक महीना चल रहा है ऐसे में फज्र अजान से पहले सेहरी और मगरिब अजान से पहले इफ्तार किया जाता है ऐसे में आइये जाने इफ्तार से पहले की दुआ हिंदी (Iftar Ki Dua) में लिखा हुआ

इस्लाम में रोजा रखने के लिए जो कुछ खाते है उसे सेहरी के नाम से जाना जाता है वही शाम के समय जब खाने का समय होता है उसे इफ्तार का के नाम से जाना जाता है इफ्तार दिन भर भूखे प्यासे यानी रोजा रहने के बाद, रोजा तोड़ने के लिए जो कुछ सबसे पहले खाते है उसे इफ्तार के नाम से पुकारते है

इस्लाम के अनुसार रमजान महीने में रोजा रखने से शारीरिक स्वास्थ से सम्बंधित बहुत से फायदे मिलते है और बहुत से बिमारी ख़त्म हो जाते है

ROZA KHOLNE SE PAHLE KI DUA रोजा खोलने की दुआ हिंदी में फोटो
ROZA KHOLNE SE PAHLE KI DUA रोजा खोलने की दुआ हिंदी में फोटो

ROZA KHOLNE SE PAHLE KI DUA

यहाँ पर पढ़े ROZA KHOLNE SE PAHLE KI DUA IN HINDI रोजा खोलने की दुआ हिंदी में फोटो – दिन भर भूखे प्यासे रहकार अल्लाह की इबादत करते है उसके बाद शाम के समय मगरिब अजान के टाइम इफ्तार का समय होता है ऐसे में इफ्तार करने से पहले इफ्तार की दुआ जरुर पढ़े

रोजा खोलने की दुआ

अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुम्तु व बिका आमंतु व अलैका तवक्कल्तु व अला रिज़्क़िका अफ्तरतु

ROZA KHOLNE SE PAHLE KI DUA IN ARABIC

اَللّٰهُمَّ اِنَّی لَکَ صُمْتُ وَبِکَ اٰمَنْتُ وَعَلَيْکَ تَوَکَّلْتُ وَعَلٰی رِزْقِکَ اَفْطَرْتُ

तर्जुमा रोजा खोलने की दुआ

ऐ अल्लाह! बेशक मैं ने तेरे लिए रोज़ा रखा और तुझ पर ईमान लाया, और तुझ पर भरोसा किया और तेरे ही रिज़्क़ से इफ्तार किया।

रोजा खोलने की दुआ हिंदी में फोटो

प्यारे प्यारे इस्लामिक भाइयों रोजा खोलने की दुआ हिंदी में फोटो के साथ लिखा हुआ चाहिए तो जल्दी ही अपडेट किया जाएगा लेकिन अभी हम यहाँ पर रोजा खोलने के लिए दुआ हिंदी में लिखा हुआ शेयर कर रहे है –

रोजा खोलने से पहले की दुआ

अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुम्तु व बिका आमंतु व अलैका तवक्कल्तु व अला रिज़्क़िका अफ्तरतु

इफ़्तार यानी रोजा खोलने के बाद की दुआ

रसूलुल्लाह (ﷺ) जब रोज़ा इफ़्तार करते तो ये दुआ पढ़ते थे –

ज़-हबज़ ज़-म-उ वब्-तल्लतिल् उरूकु व-स-बतल अज्रू इंशा-अल्लाह

तर्जुमा- प्यास बुझ गई रगें तर हो गईं और अल्लाह ने चाहा तो अज्र भी साबित हो गया।

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