RAMZAN KAB HAI 2025 IN INDIA – रमजान कब है जाने तारीख

RAMZAN KAB HAI
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RAMZAN KAB HAI 2024 IN INDIA रमजान कब है जाने तारीख – मेरे मेरे प्यारे भाइयो हर साल की तरह इस साल भी रमजान आने ही वाला है लेकिन ऐसे बहुत से भाई बहन है जिन्हें रमजान काब आ रहा है यानी DATE नहीं मालुम नहीं होता है तो आइये जाने रमजान का रोजा कब है और रमजान रोजा क्यों मनाया जाता है या फिर रमजान कब से शुरू है

RAMZAN KAB HAI
रमजान कब है RAMZAN KAB HAI

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READ HERE RAMZAN KAB HAI 2025 IN INDIA – रमजान का रोजा इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से और अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार कब है तो आपको बता दें रमजान का रोजा चाँद पर निर्भर करता है

इसलिए 2025 में रमजान की तारीख एक दो दीन इधर उधर हो सकती है अभी रज्जब का महिना चल रहा है इस महीने में 27 रजब को हजारी रोजा रखा जाता है इसके बाद शाअबान का महीना आएगा उसके बाद रमजान का मुबारक महीना शुरू होता है

रमजान क्यों मनाया जाता है

इस्लामिक महीने का 9वा महीना रमजान है इस महीने को इस्लाम धर्म में बहुत पवित्र महीना माना जाता है इस महीने में पुरे एक महीने का रोजा रमजान का रखते है पुरे दीन इस्लाम को मानने वाले अल्लाह रब्बुल इज्जत के इनाम रोजा का एहतराम करे है इसलिए पुरे दीन भूखे प्यासे रमजान का रोजा रखते है

इस्लाम धर्म के पैगम्बर हजरत मुहम्मद (S.W.) जब शबे मेराज के सफ़र पर गए तो अल्लाह पाक ने उन्हें जन्नत/दोजख इत्यादि दिखाया साथ ही अल्लाह पाक ने अपने मखलूक/इंसान के लिए/हुजुर साहब के उम्मती के लिए/ रोजा इनाम में दिया गया, रोजा इनाम में मिला उसके बाद से इस्लाम धर्म में रमजाना रोजा मनाया जाता है

रमजान की फजीलत क्या है

रोज़ा बातीनी इबादत है क्यूंकि हमारे बताये बगैर किसी को यह नहीं मालूम हो सकता के हमारा रोज़ा है और अल्लाह बातीनी इबादत को ज़्यादा पसंद फ़रमाता है।

RAMZAN HADEES

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एक हदीस के मुताबिक “रोज़ा इबादत का दरवाज़ा है”। – जामेउस जगीर 146

इस माहे मुबारक की एक खुसूसियत यह भी है के अल्लाह ने इसमें कुरआन पाक नाज़िल फ़रमाया चुनांचे कुरआन

شَهْرُ رَمَضَانَ الَّذِي أُنْزِلَ فِيْهِ الْقُرْآنُ هُدًى لِلنَّاسِ وَبَيِّنَتٍ مِنَ الْهُدَى وَالْفُرْقَانِ فَمَنْ شَهِدَ مِنْكُمُ الشَّهْرَ فَلْيَصُمْهُ : * * وَمَنْ كَانَ مَرِيضًا أَوْ عَلَى سَفَرٍ فَعِدَّةٌ مِنْ أَيَّامٍ أُخَرَ يُرِيْدُ اللهُ بِكُمُ الْيُسْرَ وَلَا يُرِيدُ بِكُمُ الْعُسْرَ وَلِتُكْمِلُوا الْعِدَّةَ وَلِتُكَبِرُوا الله عَلى مَا بَديكُمْ وَلَعَلَّكُمْ تَشْكُرُونَ

तर्जुमा: रमज़ान का महीना, जिसमें कुरआन उतरा, लोगों के लिये हिदायत और रहुमाई और फ़ैसले की रौशन बातें, तो तुम में जो कोई यह महीना पाये ज़रूर उसके रोज़े रखे

जो बीमार या सफ़र में हो तो उतने रोज़े और दिन में अल्लाह तुम पर आसानी चाहता है और तुम पर दुशवारी नहीं चाहता और इस लिये के तुम गिनती पूरी करो और अल्लाह की बड़ाई बोलो इसपर के उसने तुम्हें हिदायत की और कहीं तुम हक गुज़ार हो

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हज़रते अबू सईद खुदरी से रिवायत है के हदीस पढे:- रहमते आलम ने इरशाद फ़रमाया:- जब माहे रमज़ान की पहली रात आती है तो आसमानों और जन्नत के दरवाज़े खोल दिये जाते हैं और आखिरी रात तक बंद नहीं होते जो कोई इस माहे मुबारक की किसी भी रात में नमाज पढ़ता है

तो अल्लाह उस के हर सजदे के बदले उसके लिये पंद्रह सौ नेकियां लिखता है और उसके लिये जन्नत में सुर्ख याकूत का घर बनाता है। जिस में साठ हज़ार दरवाज़े होंगे। और हर दरवाज़े के पट सोने के होंगे जिन में याकूते सुर्ख जड़े होंगे।

पस जो कोई माहे रमज़ान का पहला रोज़ा रखता है तो अल्लाह महीने के आखरी दिन तक के उसके गुनाह मुआफ़ फ़रमा देता है और उसके लिये सुबह से शाम तक सत्तर हज़ार फरिश्ते दुआए मगफिरत करते रहते हैं।

रात और दिन जब भी वह सजदा करता है उस के हर सजदे के बदले उसे ( जन्नत में) एक एक ऐसा दरख़्त अता किया जाता है के उसके साये में घुड़ सवार पाँच सौ बरस तक चलता रहे।

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