QURBANI KA GOSHT – कुर्बानी का गोश्त बांटने का तरीका

QURBANI KA GOSHT
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QURBANI KA GOSHT TAQSEEM – कुर्बानी का गोश्त बांटने का तरीका QURBANI KA GOSHT TAQSEEM HADEES IN HINDI KAFIR KO DENA कुर्बानी का गोश्त

कुरान और हदीस व् सुन्नत से कुर्बानी का गोश्त खाना, खिलाना, गरीबों को देना यानी तकसीम (Taqseem) ज़खेरा करना, सब सूरते साबित है

QURBANI KA GOSHT
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अल्लाह रब्बुल इज्जत ने फ़रमाया –

QURBANI KA GOSHT TAQSEEM HADEES

अल्लाह रब्बुल इज्जत ने फ़रमाया –

पूस कुर्बानी का गोश्त खुद भी खाओ और भूखे फ़क़ीर को भी खिलाओंसूरह अल हज 28

हजरत आएशा रजी. से रियावत है कि – आनहजरत S.A.W. ने इरशाद फरमाया –

“मैंने तुम्हें मफ्लुकुल्हाल लोगों के आने की बिना पर (कुर्बानी के गोश्त को 3 दिन से ज्यादा के लिए ज़ख़ेरा करने से) रोका था, पुस तुम (अब) खाओ, ज़ख़ेरा करो और सदका करो।”

कुर्बानी का गोश्त बांटने का तरीका

कुर्बानी के गोश्त के 3 हिस्से करना चाहिए फिर तीन हिस्से कुर्बानी का गोश्त बांटने का तरीका यूँ है कि – पहला हिस्सा कुर्बानी का गोश्त अपने लिए रखें दूसरा हिस्सा कुर्बानी का गोश्त अपने पड़ोसी और रिश्तेदारों में बांटे तीसरा हिस्सा कुर्बानी का गोश्त गरीबों में बांटे ये अफज़ल और बेहतर है.

तीन हिस्सा कुर्बानी का गोश्त करना अफज़ल और बेहतर है अगर किसी का खानदान बहुत बड़ा है एंव रिश्तेदार अधिक है एंव वह जरुरतमंद है

ऐसे में में पूरा गोश्त अपने रिश्तेदार और जानने वाले में बाँट सकता है अगर किसी का खानदान बड़ा हो और वह गरीब हो तो वह अपने लिए भी सारा का सारा गोश्त रख सकता है

अगर कोई कुर्बानी का सारा गोश्त अपने पास रखता है यानी तकसीम नहीं करता है तो कोई गुनाह नहीं है क्योंकि कुर्बानी का गोश्त आपका है लेकिन बेहतर एंव अफजल तीन हिस्सा करने बांटना माना जाता है

कुर्बानी के जानवर का चमड़ा क्या करें

जब कुर्बानी होगी तो कुर्बानी के जानवर का चमड़ा निकलता है ऐसे में कुर्बानी के जानवर का चमड़ा किसी मदरसा में दिया जा सकता है अगर मदरसा में कुर्बानी का चमड़ा नहीं लिया जा रहा हो ऐसे में चमड़ा को बेचा जा सकता है

चमड़े की कीमत जो मिले उसे गरीब में सदका करें अगर चमड़ा आपके काम का हो तो अपने काम में भी लिया जा सकता है इस चमड़े को कसाई को मजदूरी के तौर पर नहीं दिया जा सकता है

चमड़े को बेचने के बाद उससे मिलने वाली कीमत अपने पास नहीं रखे गोश्त बनाने वाले को सदका के तौर पर कुर्बानी का चमड़ा दिया जा सकता है मस्जिद के इमाम को कुर्बानी के जानवर का चमड़ा दिया जा सकता है लेकिन हदिया के तौर पर दें

QURBANI KA GOSHT TAQSEEM

READ HERE QURBANI KA GOSHT TAQSEEM KAISE KARE ? – मरहूम के लिए कुर्बानी गोश्त बांटने का तरीका – मरहूम की तरफ से भी कुर्बानी की जाती है

अगर कोई मरहूम अपने जिंदगी में कुर्बानी की वसीयत किया है कि मेरी तरफ से हुई कुर्बानी का गोश्त फकीरों एवं गरीबों में बांटना है तो ऐसे में मरहूम की कुर्बानी का गोश्त फकीरों एवं गरीबों में बांटना होगा मालदार को गोश्त यह नहीं दिया जा सकता है

अगर ऐसी कोई वसीयत नहीं किया गया हो केवल सवाब के लिए कुर्बानी की वसीयत है ऐसे में यह क़ुरबानी का गोश्त को फ़क़ीर और आमिर दोनों खा सकते हैं.

बड़े जानवर की कुर्बानी

अगर बड़ा जानवर बकरीद की कुर्बानी में में जिबह किया गया हो ऐसे में सात हिस्सा किया जाएगा मतलब बड़े जानवर की कुर्बानी में सात अलग अलग लोग शामिल हो सकते है यह जो सात हिस्सा जो लगाया जाये उसे अंदाजे से न लगाकर बल्कि तौलकर लगाया जाएगा जिससे सात हिस्सेदार में किसी को कोई मलाल न रह जाएँ

सात हिस्से कुर्बानी का गोश्त जो एक एक लोग को मिलेगा वह अपने हिस्सा का तीन हिस्सा करेगा उसके बाद गरीब, अपने लिए, रिश्तेदार के लिए लगाये लेकिन खुद का परिवार बड़ा होने की सूरत में अपने लिए सारा गोश्त रखा जा सकता है

अगर कोई चाहे तो सारा गोश्त रख सकता है या फिर सारा गोश्त बाँट भी सकता है क्योंकि कुर्बानी का गोश्त उसका हिस्सा है इसलिए जैसे चाहे इस्तेमाल करें

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