MUHARRAM TAJIYA – मोहर्रम ताजिया क्यों मनाते हैं का इतिहास

MUHARRAM TAJIYA - मोहर्रम ताजिया क्यों मनाते हैं का इतिहास
MUHARRAM TAJIYA - मोहर्रम ताजिया क्यों मनाते हैं का इतिहास

MUHARRAM TAJIYA IN HINDI – मोहर्रम ताजिया क्यों मनाते हैं का इतिहास MUHARRAM TAJIYA PHOTO MOHRRAM TAJIYA KAB HAI INFORMATION

मोहर्रम ताजिया क्यों मनाते हैं का इतिहास इन हिंदी: इस्लाम धर्म में मोहर्रम या मुहर्रम ताजिया बहुत ही धूमधाम से मनाया जाने वाला पर्व है लेकिन ऐसे बहुत से भाई बहन है जिन्हें नहीं पता होगा कि मोहर्रम ताजिया क्यों मनाते हैं मुहर्रम का इतिहास इन हिंदी ऐसे में हम आपको मुहर्रम क्यों मनाया जाता है हिंदी में जानकारी दे रहे है

MUHARRAM TAJIYA - मोहर्रम ताजिया क्यों मनाते हैं का इतिहास
MUHARRAM TAJIYA मोहर्रम ताजिया क्यों मनाते हैं का इतिहास

MUHARRAM KYA HAI

REDA HERE MUHARRAM KYA HAI ? – इस्लाम के अनुसार मुहर्रम शब्द इस्लामिक कैलेंडर से लिया गया है सीधे और आसान भाषा में कहे तो इस्लालिक कैलेंडर का एक महीना का नाम मुहर्रम या मोहर्रम है

मुहर्रम का अन्य शाब्दिक अर्थ होता है:- “प्रतिबंधित, वर्जित, निषेध या फिर गैरकानूनी” इस्लामिक कैलेंडर मुस्लिम समुदाय के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है और इस कैलेंडर के अनुसार हिजरी संवत का पहला महीना मुहर्रम है

मोहर्रम ताजिया क्यों मनाते हैं MUHARRAM TAJIYA

यहाँ पढ़े मोहर्रम ताजिया क्यों मनाते हैं MUHARRAM TAJIYA – मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पवित्र महीने में से एक है इस महीने को गम, दुःख और शौक के रूप में भी देखा जाता है

क्योकि इसी महीने में पैगम्बर मुहम्मद (सल्लाहु अलैहि वसल्लम) के नवासे हुसैन इब्ने अली और उनके भाई, साथियों की शहादत इसी महीने में हुई थी इसलिए इस महीने को गम का महीना भी कहा जा सकता है

मोहर्रम के महीने में पैगम्बर मुहम्मद (सल्लाहु अलैहि वसल्लम) के नवासे हुसैन इब्ने अली और उनके भाई, साथियों की शहादत जिस स्थान पर हुआ था उसका नाम कर्बला है

इसी कर्बला में लगभग सन ६८० में कर्बला की जंग हुई थी लेकिन इसे जंग न कहे तो बेहतर है क्योकि एक तरफ ७२ साथी (जिनमे महिलाए, बच्चे, बुजुर्ग भूखे एंव प्यासे) थे और दूसरी तरफ यजीद की हजारो की फ़ौज

यह जंग अच्छाई एंव बुराई की जंग थी जिसे हुसैन इब्ने अली और उनके भाई, साथियों ने शहादत का जाम पीकर जीत लिया कर्बला का पूरा वाकया पढने के लिए क्लिक करे

मुहर्रम कोई पर्व नहीं है फिर भी बहुत से लोग मुहर्रम को पर्व के नाम से जानते है मुहर्रम महीने के ९वी एंव १०वी तारीख इतिहास में लोकप्रिय है क्योकि आज ही के दिन इस्लाम के पैगम्बर के नवासे इब्ने हुसैन अली और उनके भाई बेटे एंव अन्य साथियो का शाहदत हुआ था

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