HAM PHOOL BHI HAI TALWAR BHI HAI LYRICS IN HINDI हम फूल भी है तलवार भी है Hum Phool Bhi Hai Talwar Bhi Hai Poetry Lyrics in English
HAM PHOOL BHI HAI TALWAR BHI HAI LYRICS IN HINDI
READ HAM PHOOL BHI HAI TALWAR BHI HAI LYRICS IN ENGLISH – Full Poetry With Name Hum Phool Bhi Hai Talwar Bhi hai
- Wo Sange Giran Jo Hayil Hai
- Raste Se Hata Kar Dam Lenge
- Hum Rahe Wafa Ke Rahru Hai
- Manzil Pe Hi Ja Ke Dam Lange
- Ye Baat Ayan Hai Duniya Par
- Hum Phool Bhi Talwar Bhi Hai
- Ya Bajme Jahan Mahkayenge
- Ya Khoon Me Naha Kar Dam Lenge
- Arbabe Huqoomat Se Kah Do
- Ye Ajm Kiya Hai Hum Sabne
- Jo Haq Ke Mukabil Aayega
- Hum Usko Mita Kar Dam Lenge
- Hum ek Khuda Ke Kayil Hain
- Pindar Ke Har But Todenge
- Hum Haq Ke Nishan Hain Duniya Mein
- Batil Ko Gira Kar Dam Lenge
- Jo Sina-e-Dushman Chak Kare
- Baatil ko mita kar khaak kare
- Ye roj ka kissa paak kare
- Wo zarb laga kar dam lenge
- Ye Fitna Wa sar Ke Parwar Da
- Tahjib ke Saman Lock Kare
- Ye americi dallal bhala
- Kya khaak darayenge humko
- Ham rahe wafa ke rahroo hain
- manzil pe hi jaake dam lenge
- Is desh ke jarre jarre ko
- Hum apne khoon se sichenge
- Allah ki kasam is dharti ko
- Gulzaar bana kar dam lenge
- Jis khoon-e-shaheedan se abtak
- Gulrang hui hai ye sarjameen
- Us khoon ke katre katre se
- Toofan utha kar dam lenge
हम फूल भी है तलवार भी है POETRY HINDI
READ हम फूल भी है तलवार भी है POETRY HINDI –
- वो संगे गिरां जो हाईल है
- रस्ते से हटाकर दम लेंगे
- हम राहे वफा के रहरू हैं
- मंजिल पे ही जाके दम लेंगे
- ये बात अयां है दुनिया पर
- हम फूल भी हैं तलवार भी हैं
- या बज़्मे जहां महकायेंगे
- या खूं में नहा कर दम लेंगे
- अरबाब-ए हुकूमत से कह दो
- ये अज़्म किया है हम सबने
- जो हक के मुकाबिल आएगा
- हम उसको मिटा कर दम लेंगे
- हम एक खुदा के काईल हैं
- पिन्दार के हर बुत तोड़ेंगे
- हम हक के निशां है दुनियां में
- बातिल को गिरा कर दम लेंगे
- जो सीना-ए दुश्मन चाक करे
- बातिल को मिटा कर ख़ाक करे
- ये रोज़ का किस्सा पाक करे
- वो ज़र्ब लगा कर दम लेंगे
- ये फितना-व-शर के परवरदां
- तहज़ीब के सामान लाक करें
- हम बज़्म सजाने वाले हैं
- हम बज़्म सजा कर दम लेंगे
- ये अमरीकी दल्लाल भला
- क्या ख़ाक डराएंगे हमको
- हम राहे वफा के रहरू हैं
- मंज़िल पे ही जा के दम लेंगे
- इस देश के ज़र्रे – ज़र्रे को
- हम अपने खून से सींचेंगे
- अल्लाह की कसम इस धरती को
- गुलज़ार बना कर दम लेंगे
- जिस खून-ए-शहीदां से अबतक
- गुलरंग हुई है ये ज़मीन
- उस खून के क़तरे-क़तरे से
- तूफ़ान उठा कर दम लेंगे
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