EID MILAD UN NABI – ईद मिलादुन्नबी कब है ईद मिलादुन्नबी क्यों मनाया जाता है

EID MILAD UN NABI - ईद मिलादुन्नबी कब है ईद मिलादुन्नबी क्यों मनाया जाता है
EID MILAD UN NABI - ईद मिलादुन्नबी कब है ईद मिलादुन्नबी क्यों मनाया जाता है

EID MILAD UN NABI ईद मिलादुन्नबी कब है ईद मिलादुन्नबी क्यों मनाया जाता है ? इस्लाम धर्म के पैगम्बर यानी हजरत मुहम्मद साहब (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के यौमे पैदाइस (जन्मदिन) की ख़ुशी में मनाया जाता है

मुस्लिम समुदाय के लिए ईद मिलादुन्नबी का दिन बहुत ख़ास होता है क्योकि इस्लाम धर्म की नीव रखने वाले नबी ए पाक, हजरत मुहम्मद साहब (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) का जन्मदिन इसी दिन हुआ था है इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग जुलुस निकालकर ख़ुशी मनाते है

EID MILAD UN NABI - ईद मिलादुन्नबी कब है ईद मिलादुन्नबी क्यों मनाया जाता है
EID MILAD UN NABI ईद मिलादुन्नबी कब है ईद मिलादुन्नबी क्यों मनाया जाता है

ईद मिलादुन्नबी कब है

हर साल की तरह इस साल भी हजरत मुहम्मद ﷺ की यौमे पैदाइस पर ईद मिलादुन्नबी मनाया जाएगा इस साल ईद मिलादुन्नबी रविवार, 15 सितंबर से सोमवार, 16 सितंबर 2024 को आ रहा है

हजरत मुहम्मद ﷺ का जन्म 8 जून, 570 ई. को मक्का में हुआ था जोकि इस्लाम धर्म के सबसे आखिरी पैगम्बर है इस्लाम धर्म के सबसे पहले पैगमबर आदम अलैहिससलाम है जोकि जबसे दुनिया शुरू हुई उसी वक्त से इस्लाम का बोल बोला है

ईद मिलादुन्नबी क्यों मनाया जाता है – EID MILAD UN NABI

हजरत मुहम्मद ﷺ की यौमे पैदाइस की ख़ुशी में ईद मिलादुन्नबी मनाया जाता है यह इस्लाम का बहुत ही लोकप्रिय फेस्टिवल भी माना जा सकता है इस दिन इस्लाम के मानने वाले बच्चो को मीठी सवाई या अन्य खाने की चीजे देते है और हजरत मुहम्मद ﷺ की जीवन से सम्बंधित कार्य भी करते है

दुनिया की हर फिज़ा में उजाला रसूल का; यह सारी कायनात है सदक़ा रसूल का; खुश्बू-ए-गुलाब है पसीना रसूल का; आप को हो मुबारक महीना रसूल का। ❞ ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मुबारक हो!

खुश्बू-ए-गुलाब है पसीना रसूल का आप को भी मुबारक हो महीना रसूल का

ईद मिलादुन्नबी इस्लाम धर्म के पैगम्बर हजरत मुहम्मद (ﷺ) के शुभ जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है हजरत मुहम्मद (ﷺ) ने ही इस्लाम की नीव डाली और यह इस्लाम धर्म के अनुसार आखिरी पैगम्बर है जो पूरी मानवता के कल्याण के लिए धरती पर जन्म लिया था

हजरत मुहम्मद (ﷺ) के बाद धरती पर दुसरा कोई पैगम्बर या नबी क़यामत तक नहीं आएगा कहते है इस्लाम से पहले पुरे अरब में नशा, मूर्ति पूजा, लड़की पैदा होते ही दफ़न करना आम बात थी

हजरत मुहम्मद (ﷺ) के इन सभी बुराइयों को अरब से ख़त्म किया साथ ही लोगो को एक अल्लाह या खुदा की पूजा करने की दावत दी इस तरह से अरब देश से पूरी दुनिया में इस्लाम का प्रचार प्रसार हुआ

ईद मिलादुन्नबी की मुबारकबाद शायरी

यहाँ पढ़े ईद मिलादुन्नबी की मुबारकबाद शायरी हिंदी में लिखा हुआ –

तमाम आशिकाने रसूल मुहम्मद (ﷺ) को जश्ने ईद मिलादुन्नबीमुहम्मद (ﷺ) की तहेदिल से मुबारकबाद “सरकार की आमद मरहबा”

अल्लाह तआला हम सब को सीधी राह पर चलने की तौफीक अता फरमाए, आमीन

अल्लाह रब्बुल इज्जत आपको और आपके परिवार को सेहत व् आफियत, अजमत, नेअमत, राहत, बरकत, सलामती, कामयाबी, ला तादाद खुशियां अता करें आमीन सुम्मा आमीन या रब्बुल आलमीन

हजरत मुहम्मद साहब ने प्यार और मुहब्बत, धैर्य और आपसी भाईचारे से जीने की शिक्षा दी सेवा त्याग और बलिदान को जीवन का लक्ष्य बताया पैगम्बर हजरत मुहम्मद (ﷺ) के जन्मदिन पर हम सभी पर आपकी रहमते बरसे

जिसके आने से रौशन जमाना उस नबी (ﷺ) की विलादत पे लाखो सलाम आप सभी दोस्तों को जश्ने ईद मिलादुन्नबी की दिली मुबारकबाद

जश्ने ईद मिलादुन्नबी (ﷺ) की शायरी

यहाँ पढ़े जश्ने ईद मिलादुन्नबी (ﷺ) की शायरी –

जमीं पर आमिना के लाल का आना मुबारक हो जहाँ में परचम ए इस्लाम 🟩 लहराना मुबारक हो सरकार (ﷺ) की आमद मरहबा

कल फुर्सत न मिले तो क्या कर लोगे इतनी मोहलत ना मिले तो क्या कर लोगे रोज कहते हो कल पढ़ लूँगा नमाज कल अगर सास न मिले तो क्या कर लोगे

दुनिया की हर फिजा में उजाला रसूल का यह सारी कायनात है सदका रसूल का खुशबू ए गुलाब है पसीना रसुल का आप सब को मुबारक हो महिना रसूल (ﷺ) का

दिल से कभी कभी कम न होगी चाहत रसूल (ﷺ) की झ्हुम कर मनाएंगे हम आमद रसूल (ﷺ) की

न ला सकेगा कोई मुहम्मद (ﷺ) के अखलाख का जवाब वो दुआओं से दिया करते है पत्थरों का जवाब दुनिया के तमाम आशिकाने रसूल को जश्ने ईद मिलादुन्नबी (ﷺ) की मुबारकबाद सरकार (ﷺ) की आमद मरहबा

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