SEHRI KI NIYAT सेहरी की नियत करने की दुआ हिंदी में

SEHRI KI NIYAT सेहरी की नियत करने की दुआ हिंदी में
SEHRI KI NIYAT सेहरी की नियत करने की दुआ हिंदी में

SEHRI KI NIYAT सेहरी की नियत करने की दुआ हिंदी में सहरी की दुआ हिंदी में फोटो रोजा रखने की दुआ Hindi रोजा रखने की दुआ उर्दू में रोजा खोलने की दुआ हिंदी में फोटो

रमजान का मुबारक महीना चल रहा है।ऐसे में हम रमजान का रोजा रखने और खोलने के लिए सेहरी और इफ्तार की नियत दुआ लेकर हाजिर है।

रमजान माह में एक महीने का रोजा सभी मुस्लिम भाई बहन रहते है। ऐसे में बहुत से भाई बहन सेहरी की नीयत की दुआ क्या है? (Sehri Ki Niyat ) भूल जाते है। क्योकि रमजान या रोजा साल में एक बार आता है। लम्बे समय के बाद रमजान रोजा आने से दिमाग से सेहरी या रोजा रखने खोलने की नियत भुला जाता है।

अगर आपको रमजान रोजा रखने की दुआ याद नहीं आ रहा है। ऐसे में रोजा रखने की नियत की दुआ हिंदी में उर्दू में (roza rakhne ki dua niyat) बताने जा रहे है, साथ ही रोजा खोलने यानी इफ्तार की दुआ (Roza Kholne ki Dua in Urdu, Hindi) क्या है की जानकारी दे रहे है।

SEHRI KI NIYAT सेहरी की नियत करने की दुआ हिंदी में
SEHRI KI NIYAT सेहरी की नियत करने की दुआ हिंदी में

SEHRI KI NIYAT

जो भाई बहन रोजा रखने के लिए सेहरी की नियत करने की दुआ हिंदी में SEHRI KI NIYAT खोज रहे है उनके लिए यहाँ पर लिखा हुआ पढ़े

  • SEHRI KI NIYAT “व बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरी रमजान”
  • तर्जुमा: मैं रमजान के इस रोजे की नियत करता हूँ
  • अरबी में सहरी की नियत: وَبِصَوْمِ غَدٍ نَّوَيْتُ مِنْ” شَهْرِ رَمَضَانَ

जब सेहरी करने के बाद इफ्तार का समय होता है ऐसे में इफ्तार की दुआ (रोजा खोलने की दुआ) पढ़ी जाती है इफ्तार की दुआ – अल्लाहुमा लका सुमतु व बि क आमन्तू – व अलै क तवककल्तु व अला रिजि का अफ्तरतो

  • अरबी में इफ्तार की दुआ – اَللّٰهُمَّ اِنِّی لَکَ صُمْتُ وَبِکَ اٰمَنْتُ وَعَلَيْکَ تَوَکَّلْتُ وَعَلٰی رِزْقِکَ اَفْطَرْتُ

सेहरी की नियत कैसे करे

अगर आप रमजान में सेहरी की नियत करना चाहते है। ऐसे में सुबह की अजान (फज्र) होने से पहले कुछ खाए उसके बाद रोजा रखने की नियत दुआ यानी सेहरी की नियत दुआ पढ़े। जो पहले हमें बताया है उसे पढ़े

ऐसा कई बार होता है, सेहरी का समय गुजर जाता है हम सही समय पर जागते नहीं है ,ऐसे में आपको भूखे प्यासे बिना सेहरी खाए रोजा रहना होगा लेकिन आपको रोजा रखने यानी सेहरी की नियत करना होगा।

फिर ही रोजा कबुल होगा अगर ऐसा नहीं करते है तो इसका मतलब आप रोजे से नहीं बल्कि भूखे प्यासे है इसलिए आप सेहरी की नियत की दुआ जरुर पढ़े।

सेहरी की नियत करने की दुआ SEHRI KI NIYAT

रोजा के सेहरी की नियत करने की दुआ SEHRI KI NIYAT पहले ही हमने बताया है आगे पढ़े रोजे रखने के बाद क्या नहीं करना चाहिए

रोजे रखने के बाद क्या नहीं करना चाहिए
  • रोजेदार को झूट नहीं बोलना चाहिए
  • इस्लाम में झूठ सामान्य दिन में बोलने की मनाही है
  • लेकिन रोजा रखने वाले रोजेदार अगर झूट बोलते है ऐसे में रोजा टूट जाता है।
  • रोजा रखने वाले मर्द एंव औरत को इस बात का ख्याल रखना चाहिए
  • कि जुबान से कोई गलत बात, गन्दी बाते इत्यादि नहीं निकले

क्योकि ऐसा करने से रोजा मकरूह यानी टूट जाता है। रोजा में या अन्य दिनों में किसी भी व्यक्ति का दिल दुखाने से बचे एंव रोजेदार ऐसा करता है ऐसे में रोजा मकरूह हो जाएगा। अपने कान आँख और शर्मगाह की हिफाजत करे। क्योकि रोजा मकरूह होने के लिए इतना काफी है इसलिए इनकी हिफाजत करे।

रोजा रखने से पहले सेहरी या भोजन करना सुन्नत है ऐसे में रमजान के महीने में सही समय पर उठकर सेहरी करना चाहिए उसके बाद सेहरी की नियत की दुआ पढनी चाहिए।

दिन में जितना हो सके अल्लाह की इबादत, कुरआन पाक की तिलावत और दिन के काम करना चाहिए, इफ्तार के समय सही समय पर दस्तरख्वान पर बैठ जाना चाहिए और अल्लाह पाक को याद करना चाहिए। जो भी आपको दुआ सुरह याद हो उसे पढना चाहिए। जब इफ्तार का समय हो जाए। ऐसे में आपको इफ्तार की दुआ पढ़ना चाहिए। रोजे को पानी एंव मीठे चीज से, अगर मौजूद हो तो ख़त्म करना चाहिए।

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