DAROOD SHARIF KI FAZILAT दुरूद शरीफ की फजीलत

DAROOD SHARIF KI FAZILAT दुरूद शरीफ की फजीलत
DAROOD SHARIF KI FAZILAT दुरूद शरीफ की फजीलत

DAROOD SHARIF KI FAZILAT दुरूद शरीफ की फजीलत दरूदे इब्राहिम की फजीलत दरूदे पाक हिंदी में दरूद शरीफ इन हिंदी इमेजेज DAROOD SHARIF IN HINDI

हुज़ूर ﷺ ने फरमाया “जिब्रील अलैहिस्सलाम मेरे पास आए और मुझ से फरमाया, मैं तुम्हे बशारत देता हु कि अल्लाह पाक फरमाता है, जो तुझ पर दरूद भेजगा, मैं भी उस पर दरूद भेजूंगा और जो तुझ पर सलाम भेजगा, मैं उस पर सलाम भेजूंगा

DAROOD SHARIF KI FAZILAT

सबसे पहले यहाँ पर DAROOD SHARIF KI FAZILAT IN HINDI –

हुज़ूर ﷺ ने फरमाया, जो शख्स मुझ पर एक बार दरूद शरीफ भेजता है अल्लाह पाक उस पर १० रहमते नाजिल फरमाते है

दूसरी जगह हुज़ूर ﷺ फरमाया, जो मुझ पर एक बार दरूद शरीफ भेजता है अल्लाह तआला और उसके फरिश्तों पर, उस पर अल्लाह पाक सत्तर रहमते भेजते है

हुज़ूर ﷺ ने फरमाया जब कोई ज्यादा से ज्यादा मुझ पर दरूद शरीफ भेजता रहे अल्लाह तआला उसको तमाम रंज और गम से बचा लेगा और गुनाह माफ़ फरमा देगा”

यक़ीनन दरूद शरीफ की बरकत से दुनिया एंव आखिरत की मुसीबते ख़त्म हो जाती है बहुत से औलिया अल्लाह का कौल है कि – जो कुछ हमको मिला है वह सब हुजूर नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व् सल्लम पर दरूद शरीफ भेजने से मिला है

DAROOD SHARIF KI FAZILAT दुरूद शरीफ की फजीलत
DAROOD SHARIF KI FAZILAT दुरूद शरीफ की फजीलत

दुरूद शरीफ की फजीलत

यहाँ पढ़े दुरूद शरीफ की फजीलत DAROOD SHARIF KI FAZILAT –

अल्लाह पाक ने फरमाया “मेरे फ़रिश्ते जमीन पर फिरते रहते है मेरी उम्मत के सलाम को मुझ पर पेश करते है हजरत उमर रजीo फरमाते है कि –

जब तक नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व् सल्लम पर दुरूद न भेजोगो तुम्हारी दुआए, जमीन व् आसमान के दर्मियान लटकी रहेगी दरूद शरीफ पढ़ने से दुआ कबुल होती है

नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व् सल्लम ने फरमाया जो मुझ पर दस दरूद भेजगा, अल्लाह पाक उस पर 100 रहमते नाजिल फरमाएगा और जो 100 बार पढ़ेगा, वह निफाक व् दोजख से निजात हासिल करेगा

दरूद शरीफ पढने के बे शुमार फजीलत एंव फायदे है जिनको अलग लिखा जाए तो एक बहुत बड़ी एंव मोटी किताब बन जाए

दरूद शरीफ कब कब पढ़ना चाहिए

ऐसे बहुत से इस्लामिक भाई बहन है जो दरूद शरीफ पढ़ने का सही वक्त की जानकारी चाहिते है – गरज जितना पढोगे, उतना ही अल्लाह तआला और फरिश्तो की रहमत के हकदार होगे ऐसे में जितना अधिक दरूद शरीफ पढ़ सकते है पढ़े

दरूद शरीफ पढने के लिए वक्त दुआ के शुरू एंव आखिर में दरूद शरीफ पढ़े सुबह एंव शाम के वक्त वुजू के बाद दरूद शरीफ पढ़े नमाज पढने के बाद दरूद शरीफ पढ़े हर काम शुरू करते वक्त सोते वक्त एंव सो कर उठने वक्त रंज व् गम में दरूद शरीफ पढने से इंशाअल्लाह रंज व् गम दूर हो जाएगा

कुरआन मजीद के ख़त्म करने के बाद जुमा मुबारक के दिन मस्जिद में जाते वक्त और मस्जिद को देखते वक्त नमाजे जनाजा की दूसरी तकवीर के बाद अजान के जवाब के बाद

और इकामत के वक्त जब किसी मंजिल में शरीक हो और जब वहा से रुख्सत हो दरूद शरीफ पढ़े दरूद शरीफ बाजार में जाते वक्त एंव वापसी के वक्त पढ़ना चाहिए जब “नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व् सल्लम” का नामे मुबारक सुने/लिखे दरूद शरीफ पढ़े

दरूद शरीफ हिंदी में लिखा हुआ

अल्लाहुम-म सल्लि अला मुहम्मदिव-व्-अला आली मुहम्मदिन कमा सल्ले-त अला इब्राहिम इन्न-क हमीदुम मजीद”

तर्जुमा: ऐ, अल्लाह – रहमत नाजिल कर मुहम्मद(सल्लल्लाहु अलैहि व् सल्लम ) पर और आले मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व् सल्लम) पर जैसा की रहमत नाजिल की इब्राहिम (अलैहि व् सलाम) आले इब्राहिम पर, बेशक तू ही तारीफ़ के लायक आयर बुजुर्ग है

दरूद इब्राहिमी हिंदी में

अल्लाहुम-म बारीक अला मुहम्मदिव-व्-अला आली मुहम्मदिन कम बारक-त अला इब्राहि-म व् अला आली इब्राहि-म इन्न-क हमीदुम मजीद0

तर्जुमा: ऐ अल्लाह- तू बरकत नाजिल अता फरमा मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व् सल्लम ) पर और आले मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व् सल्लम ) पर जिस तरह इब्राहिम और आले इब्राहिम (अलैहि व् सलाम) पर बरकत उतारी तू ही तारीफ़ के लायक और बुजुर्ग है

दरूद शरीफ “अल्लाहुम-म सल्लि अला मुहम्मदिव-निन-नबीयि व्अ ज्बाजिही उम्म-हातील मुहमिनी-न व् जुर्री यातिही व्अ हिल बैतिही कमा सल्ले-त अला इब्राहि-म व्अ ला आली इब्राहि-म इन्न-क हमीदुम मजीदo

तर्जुमा: इलाही- रहमत भेज मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व् सल्लम ) पर और आपकी बीवियो पर, जो उम्मत की माँए है और आपकी औलाद और अहले बैत पर जिस तरह रहमत भेजी इब्राहिम और आले इब्राहिम (अलेहिस्सलाम} पर तू खूबियों वाला, इज्जत वाला है

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