WITR KI NAMAZ KA TARIKA वित्र की नमाज़ का तरीक़ा वित्र की नमाज़ में कौन सी सूरत पढ़ी जाती है ईशा की नमाज में वित्र पढ़ने का तरीका 3 रकात नमाज वित्र कैसे पढ़ते हैं?
पांच वक्त की नमाज हर मुसलमान को पढ़ना चाहिए इस्लाम में इसके लिए बहुत ही जोर दिया गया है नमाज में 3 रकात वित्र नमाज भी पढ़ा जाता है लेकिन कुछ भाई बहन को वित्र की नमाज का तरीका भूल जाता है ऐसे में सवाल करते है वित्र की नमाज़ कैसे पढ़े?
अगर आप भी वित्र की नमाज़ पढ़ने का तरीका भूल गए है ऐसे में वित्र की नमाज पढ़ने की पूरी जानका-+री आपको इस लेख के माध्यम से दिया जा रहा है
WITR NAMAZ KI NIYAT KAISE KARE
सबसे पहले WITR NAMAZ KI NIYAT KAISE KARE जाने क्योंकि कोई भी नमाज नियत से ही शुरू होती है – नमाज पांच वक्त की होती है इनमे से कोई भी नमाज पढ़ने से पहले नमाज की नियत करना जरुरी होता है ऐसे में वित्र नमाज पढ़ने की नियत भी करना जरुरी है वित्र नमाज की नियत या तरीका निम्नलिखित है
नियत की मैंने तीन रकआत नमाज वित्र की वाजिब वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा कआबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर” इस तरह से वित्र की नमाज की नियत करें उसके बाद तीन रकात नमाज वित्र की अदा करें
WITR KI NAMAZ KA TARIKA
सबसे पहले WITR KI NAMAZ KA TARIKA जानते है हिंदी में यहाँ लिखा जा रहा है –
सबसे पहले वित्र की नमाज की नियत करें “नियत की मैंने तीन रकआत नमाज वित्र की वाजिब वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा कआबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर”
नियत करने के बाद हाथ को बाँध ले उसके बाद सना पढ़े सना पढ़ने के बाद “ओजुबिल्लाह मिनाश शैतान राजिम बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम” पढ़े अब सूरह फातिहा पढ़े ” अल्हम्दुलिल्लाह रब्बिल आलमीन”
सूरह फातिहा पढ़ने के बाद कुरान शरीफ की कोई भी एक सूरह जो आपको याद हो पढ़े सूरह पढ़ने के बाद “अल्लाहु अकबर” कहते हुए रुकु में चले जाएँ रुकु में तीन बार “सुब्हान रब्बिल अजीम” बोलना है
अब “समी अल्लाह हुलेमन हमीदा” कहते हुए खड़े हो जाएं उसके बाद “रब्बाना लकल हम्द” एक बार बोले फिर “अल्लाहु हु अकबर” कहते हुए सजदे में चले जाएं अब दो सजदे को पूरा करें साथ ही दोनों सजदे में “सुब्हान रब्बी यल आला” धीमी आवाज में कहें अभी आपने एक रकात नमाज वित्र की मुकम्मल कर लिया है
वित्र की नमाज़ का तरीक़ा
जो लोग उपरोक्त वित्र की नमाज़ का तरीक़ा पढ़ चुके है वह अब आगे का भाग यहाँ से पढ़े –
सजदे से “अल्लाहु अकबर” कहते हुए खड़े हो जाए उसके बाद “बिस्मिल्लाह हिर्रहमा-निर्रहीम” पढ़कर सुरह फातिहा “अल्हम्दु लिल्लाह” को पढ़े अब कोई एक सूरह जो आपको याद हो पढ़े रुकु में चले जाएं “तीन बारी सुब्हान रब्बिल अजीम” कहे
एंव “समीअल्लाहु लिमन हमीदा” कहते हुए खड़े हो जाये “रब्बाना लकल हम्द” बोलकर “अल्लाहु अकबर” कहते हुए दो सजदे में चले जाएँ सजदे में “सुब्हान रब्बी यल आला” कहे
उसके बाद “अल्लाहु अकबर” कहते हुए दोनों पंजे की मदद से बैठ जाएं इसके बाद “अत्तियातु लिल्लाहि” पढ़े एंव कलमा ऊँगली को सीधी करें या उठाये फिर “अल्लाहु अकबर कहते हुए” वित्र नमाज की तीसरी रकात के लिए खड़े हो
अब “बिस्मिल्लाह हिर्रहमा-निर्रहीम” पढ़े फिर “सूरह फातिहा” पढ़े इसके बाद कोई एक सूरह पढ़े जो भी याद हो सूरह पढ़ने के बाद “अल्लाहु अकबर” कहते हुए दोनों हाथो को कान की लो तक ले जाएं
फिर दोनों हाथ बांध ले और दुआ ए कुनूत आहिस्ता से पढ़े अगर दुआ ए कुनूत याद नहीं होने पर “रब्बना आतिना फिद दुनिया”पढ़ सकते है दुआ ए कुनूत या “रब्बना आतिना फिद दुनिया” पढने के बाद रुकू में एक बार जाएँ
उसके बाद “समीअल्लाहु लिमन हमीदा रब्बाना लकल हम्द कहे” कहने के बाद “अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में जायें दो सजदे पूरा करें एंव दोनो सजदे में “सुब्हान रब्बी यल आला” कहे
अब अत्तियातु लिल्लाहि पढ़ते हुए शहादत या कलमा वाली ऊँगली को सीधा करें इसके बाद एक एक बार दरूद शरीफ एंव दुआ ए मसुरा पढ़ ले फिर सलाम फेरे इस तरह से 3 रकात वित्र की नमाज का तरीका मुकम्मल हुआ
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