SURAH KAUSAR सूरह कौसर हिंदी में लिखी हुई

SURAH KAUSAR सूरह कौसर हिंदी में लिखी हुई
SURAH KAUSAR सूरह कौसर हिंदी में लिखी हुई

SURAH KAUSAR सूरह कौसर हिंदी में लिखी हुई सूरह कौसर का वजीफा सूरह कौसर कब पढ़ना चाहिए? surah kausar hindi tarjuma ke sath surah kausar in hindi tarjuma

नमाज में सूरह कौसर की तिलावत की जाती है ऐसे में सूरह कौसर हिंदी में और अरबी में लिखा हुआ आपके लिए पेश है इससे पहले हमने नमाज की सबसे छोटी सूरह या सूरत की जानकारी दी थी

नमाज पढ़ते वक्त कई सुरह पढ़े जाते है उन्हें में एक सूरह कौसर भी है अगर कोई भाई या बहन सूरह कौसर की तिलावत करता है तो कई तरह के फायदे अल्लाह रब्बुल इज्जत उस शख्स के ऊपर नाजिल करता है सूरह कौसर की फजीलत बहुत से है इसलिए सूरह कौसर की सच्चे दिल से तिलावत हर दिन करना चाहिए इस का वजीफा की बात हम किसी और दिन करेंगे

SURAH KAUSAR IN HINDI

सबसे पहले SURAH KAUSAR IN HINDI में यहाँ लिखी हुई पढ़े

SURAH KAUSAR – बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम इन्ना आतैना कल कौसर फसल्ली लिरब्बिका वनहर इन्ना शानियाका हुवल अब्तर

सूरह कौसर का तर्जुमा हिंदी में – बेशक हमने आपको कौसर अता किया बस आप अपने रब के लिए नमाज अदा करो और कुर्बानी करो बेशक आपका दुश्मन ही बे नामो निशान होगा।

सूरह अल कौसर अरबी में

यहाँ पर सूरह अल कौसर अरबी में लिखी हुई पढ़े

إِنَّاۤ أَعۡطَیۡنَـٰكَ ٱلۡكَوۡثَرَفَصَلِّ لِرَبِّكَ وَٱنۡحَرۡإِنَّ شَانِئَكَ هُوَ إِنَّ هُوَ ٱلۡأَبۡتَ

SURAH KAUSAR सूरह कौसर हिंदी में लिखी हुई
SURAH KAUSAR सूरह कौसर हिंदी में लिखी हुई

सूरह कौसर हिंदी में लिखी हुई SURAH KAUSAR

सुरह अल कौसर हिंदी में

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम इन्ना आतैना कल कौसर फसल्ली लिरब्बिका वनहर इन्ना शानियाका हुवल अब्तर

सुरह अल कौसर अरबी में

إِنَّاۤ أَعۡطَیۡنَـٰكَ ٱلۡكَوۡثَرَفَصَلِّ لِرَبِّكَ وَٱنۡحَرۡإِنَّ شَانِئَكَ هُوَ إِنَّ هُوَ ٱلۡأَبۡتَ

सुरह अल कौसर का तर्जुमा हिंदी में

बेशक हमने आपको कौसर अता किया बस आप अपने रब के लिए नमाज अदा करो और कुर्बानी करो बेशक आपका दुश्मन ही बे नामो निशान होगा।

सूरह कौसर का वजीफा

गर कोई शख्स सूरह अल कौसर का वजीफा करता है ऐसे में उसकी गरीब, लाचारी दूर होगी साथ ही अल्लाह पाक उस शख्स की परेशानी इंशाअल्लाह दूर करेगा

अमल या सूरह अल कौसर का वजीफा करने के लिए सूरह को दिन में 2 मर्तबा पढ़ना है इस अमल का फायदा हर दिन सुबह या शाम में करें भूले नहीं वरना अमल या वजीफा का फायदा नहीं मिलेगा

वजीफा: एक मर्तबा या सात मर्तबा या फिर 11 मर्तबा दरूद ए इब्राहिम को पढ़ना है उसके बाद 129 मर्तबा सूरह अल कौसर फिर सूरह अल कौसर को पढ़ना है

जब सूरह अल कौसर पढ़े तो “बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम” से पढना शुरू करें इंशाअल्लाह सूरह अल कौसर का वजीफा आपको कई तरह के परेशानी, गम से दूर करेगा साथ ही माल में बरकत और दुनिया में कई तरह के कामयाबी से मालामाल करेगा आमीन सुम्मा आमीन

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