सदका करने का तरीका SADQA KARNE KA TARIKA IN HINDI

सदका करने का तरीका SADQA KARNE KA TARIKA IN HINDI
सदका करने का तरीका SADQA KARNE KA TARIKA IN HINDI

सदका करने का तरीका SADQA KARNE KA TARIKA IN HINDI sadqa in islam meaning सदका इन इस्लाम सदका करने के फायदे Sadqa Kitna Dena Chahiye

इस्लाम में रोजा नमाज के बाद सदका को बहुत अहमियत दी गई हर शख्स जो सदका के काबिल हो उसे जान व् माल की हिफाजत के लिए सदका जरुर करना चाहिए अक्सर बहुत से सवाल सदके के बारें में लोग करते है जिनके जवाब आइये जाने

सदका करने का तरीका SADQA KARNE KA TARIKA IN HINDI
सदका करने का तरीका SADQA KARNE KA TARIKA IN HINDI

सदका करने का तरीका

यहाँ पर पढ़े सदका करने का तरीका – जान व् माल की हिफाजत के साथ साथ नेकी के हकदार बनना चाहते है ऐसे में सदका निम्नवत तरीके से करें:-

सदके सदका देने का बेहतरीन तरीका यह है कि- जिसे सदका देना चाहते है उसे बिना कुछ कहे दे दिया जाएँ किसी जरुरतमंद को जिस चीज की जरुरत आपको महसूस होती है उसको सख्त जरुरत है

वह चीज सदके में दे दें सदका देने के बाद एहसान जताने या किया ऐसा ख़याल न रखे सदके के बदले में कुछ पाने की चाहत या उम्मीद न लगायें अगर सदका करने के बाद एहसान बता दिया जाए तो इसका नेकी आपको नहीं मिलेगी साथ ही गुनाहगार भी होंगे

सदका करने के फायदे

जब आपको सदका करने के फायदे पता चलेंगे उसके बाद शायद और सदके को इजाफा कर दें जाने फायदे-

कुरान में सदका करने के फायदे सूरह अल बकरह से जाने सूरह अल बकरह सदका के फायदे तर्जुमा: जो लोग अल्लाह के रास्ते में अपने माल खर्च करते है उसकी मिसाल उस दाने/सीद की तरह है

जिसमे 7 बलिया हो और हर बलि में 100 दाने हो लेकिन यह फायदा दुनिया में कम आखिरत में ज्यादा मिलेगा इसलिए सदका के फायदे का एहसास नहीं होता इस बात से सदका करने के फायदे का अंदाजा लगाया जा सकता है – सूरह अल बकरह 261, 262

सदका इन इस्लाम

अल्लाह रब्बुल इज्जत सदके की फजीलत के लिएफर माया~ जो लोग अपने माल और दौलत को अल्लाह के रास्ते में खर्च करने के एहसान नहीं बताते हैं

उनके लिए अल्लाह ताला के नजदीक बहुत बड़ा हज रहो सवाब है और कल कयामत के दिन उन लोगों पर कोई खौफ नहीं होगा और ना ही वह लोग परेशान होंग – ~कुरान आयत नंबर 262

Hadees Sadqa ki Fazilat

यहाँ पर Hadees Sadqa ki Fazilat बताया जा रहा है पढ़े –

हदीस की किताबों से सदके की फजीलत जाने~ रसूलुल्लाह (सल्ल.) ने फरमाया : सदका सत्तर बलाओं को टालता है इन में सब से कम दर्जे की बला जुज़ाम और बर्स है ~जामए सगीर

बुखारी शरीफ में सदके की फजीलत यूँ ब्यान किया गया है~ रसूलुल्लाह (सल्ल.) ने फरमाया सदका सत्तर बलाओं को दफा कर देता है उन में सब से हल्की बला कोढ़ की बीमारी है~ बुख़ारी शरीफ

तोहफतुल वाइज़ीन हदीस की किताब में सदके के फायदे यूँ ब्यान किया गया है रसूलुल्लाह (सल्ल.) ने फरमाया सदक़ए फित्र देने वाले को हर दाने के बदले में सत्तर हज़ार महल मिलेंगे जिन की लम्बाई मश्रिक से मगरिब तक होगी~तोहफतुल वाइज़ीन

तोहफतुल वाइज़ीन में यूँ ब्यान है~ दिरहम और दीनार यानी मालो ज़र में गिरफ्तार जिस क़दर इन्सान हैं जिन के दिलों पर दुनियवी माल की हविस कब्जा कर चुकी है उन के लिये अल्लाह तआला की लअनत और फिटकार है~तोहफतुल वाइज़ीन

सदका किसको देना चाहिए

इस्लाम में सदका हर जरुरतमंद को दिया जा सकता है जैसे: आपके रिश्तेदार, पड़ोसी, मुहल्ल्ले में किसी को भी

सदका के में क्या देना चाहिए?

खाना खिलाना/पैसे देना/कपड़ा देना जो गरीब की जरुरत हो सदका में दें अगर आपने कुछ कहा गरीबों को खाना खिलाऊंगा तो खाना खिला दें सर्दी के मौसम में सदके के रूप में गरीब को कपडा देना चाहते है वह दे सकते है अगर कोई मरीज हॉस्पिटल में इलाज करवा रहा है जिसके पास पैसे नहीं है तो अपने माल से सदका उस व्यक्ति को दे सकते है इत्यादि

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