नमाज़ की किताब पीडीऍफ़ NAMAZ KI KITAB IN HINDI PDF Sachi Namaz book in Hindi pdf सच्ची नमाज की किताब हिंदी में Sachi namaz urdu PDF download
प्यारे प्यारे इस्लामिक भाइयों नमाज का तरीका जितना जल्दी सीख लिया जाए उतना बेहतर है आखिरत में अगर कुछ काम आएगा तो वह है नमाज, इसलिए नमाज की पुस्तक/किताब पीडीऍफ़ में शेयर कर रहे है लेकिन नमाज की पुस्तक/किताब डाउनलोड करने से पहले नमाज के बारें में कुछ जरुरी मामुलात आपको बताना चाहेगे
नमाज़ के फराइज
- तकबीरे तहरीमा
- कयाम यानी खड़ा होना
- किरअत यानी एक बड़ी आयत या तीन छोटी आयतें या एक छोटी सूरत पढ़ना
- रुकूअ करना
- सिज्दा करना
- काअदए अखिरह
अपने इरादे से नमाज़ खत्म करना : अगर इनमें से कोई चीज़ भी जानकर या भूल कर रह जाए तो सिज्दर सहव करने से भी नमाज़ न होगी बल्कि दुवारा पढ़ना जुरुरी होगा
नमाज के वाजिबात
- तहरीमा में लफ्जे अल्लाहु अकबर कहना
- अलहम्द पढ़ना और इसके साथ कोई सूरत मिलाना
- फ़र्ज़ की पहली दो रकअतों में किरअत करना
- अलहम्दु को सूरत से पहले पढ़ना
- रुकूअ करके सीधा खड़ा होना
- दोनों सिज्दों के दरमियान बैठना
- पहला काअदह करना
- पहले काअदह में अत्तहियात के बाद कुछ न पढ़ना
- हर काअदह में अत्तहियात का पढ़ना
- लफ्ज़े अस्सलाम आखिर में २ बार कहना
- जुहर व अस्र में किरअत आहिस्ता आहिस्ता पढ़ना
इमाम के लिये मगरिव व इशा की पहली दो रकुअतों और फज्र व जुम्आ व इदैन और तरावीह की सब रकअतों में बुलन्द आवाज़ से किरात करना वित्र में दुआए कुनूत का पढ़ना इदैन में ६ तकवीरें ज़्यादा कहना
नमाज की सुन्नत
- तकवीरे तहरीमा के लए हाथ उठाना
- हाथों की उँगलियाँ अपने हाल पर रखना
- तकबीर के बाद फौरन हाथ बाँध लेना
- पहले सुबहा-नका फिर अऊ-जु-बिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ना
- अलहम्द के खतम पर आमीन आहिस्ता से कहना
- रुकूअ में घुटनों पर हाथ रखना और उँगलियां न फैलाना
- रुकूअ में कम से कम तीन बार सुब्हा न रब्बियल अज़ीम कहना
- रुकूज़ में जाने के लिए अल्लाहु अकबर कहना
- रुकूअ में सिर्फ इस कदर झुकना कि हाथ घुटनों तक पहुँच जाए, रुकूअ से उठते वक्त
- समिअल्लाहु लिगन हमिदह कहना
- सज्दे के लिए और सज्दे से उठने के लिए अल्लाहू अकबर कहना
- सज्दे में हाथ ज़मीन पर रखना
- कम से कम तीन बार सुब्हा न रब्बियल आला कहना
- सज्दे में जाने के लिए ज़मीन पर पहले दोनों घुटने एक साथ रखना
फिर हाथ, फिर नाक, फिर पेशानी और सज्दे से उठते वक्त इसके उल्टा करे यानी पहले पेशानी उठाए फिर नाक फिर हाथ फिर घुटने दोनों सज्दों के दरमियान मिस्ले तशहहुद के बैठना दुसरी रकअत के लिए पंजो के बल घुटनो पर हाथ रख कर उठना
दुसरी रकअत के सज्दों से फारिंग होकर बायाँ पाँव बिछा कर दाहिना खड़ा करके बैठना और औरत के लिए दोनों पाँव दाहिनी जानिव निकाल कर बाँए सरीन पर बैठना
दाहिना हाथ दाहिनी रान पर रखना और वायाँ बायीं पर उँगलियों को अपने हाल पर छोड़ना और उनके किनारे घुटनों के पास होना शहादत पर इशारा करना तशहहुद् के बाद काअदए
अखीरह में दुरुद शरीफ पढ़ना दुरुद शरीफ के बाद अरबी में दुआ करना और बेहतर वह दुआएँ हैं जो हदीसों से मंकूल हैं अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह दो बार कहना पहले दाहिनी तरफ फिर बायीं तरफ जुहर, मग़रिब और इशा के बाद मुख्तसर दुआ करके सुन्नतों के लिये खड़ा हो जाना वरना सुन्नतों का सवाब कम हो जाएगा – दुर्रे मुख्तार, आलमगीरी वगैरह
नमाज़ की किताब पीडीऍफ़ NAMAZ KI KITAB IN HINDI PDF
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