NAMAZ KA TARIKA नमाज का तरीका हिंदी में पीडीऍफ़

NAMAZ KA TARIKA नमाज का तरीका हिंदी में पीडीऍफ़
NAMAZ KA TARIKA नमाज का तरीका हिंदी में पीडीऍफ़

NAMAZ KA TARIKA नमाज का तरीका हिंदी में पीडीऍफ़ NAMAZ PADHNE KA TARIKA NAMAZ KA TARIKA IN HINDI TAHAJJUD KI NAMAZ KA TARIKA

जन्नत की कुंजी में से एक कुंजी नमाज है ऐसे में मेरे प्यारे इस्लामी भाइयो और बहनों पांच वक्त की नमाज समय से अदा करना बेहद जरुरी है लेकिन जो भाई बहन नमाज का तरीका पढ़ने के लिए नहीं जानते है उनके लिए यह लेख काफी उपयोगी साबित होगी क्योकि आज हम जानेंगे नमाज पढ़ने का तरीका हिंदी में

नमाज की शर्तें

अगर आप नमाज पढ़ना शुरू करना चाहते है ऐसे में आपको नमाज की शर्ते पता होना बेहद जरुरी है क्योकि इसके बिना आपकी नमाज मुकम्मल नहीं होगी आइये जाने नमाज की शर्ते हिंदी में

  • बदन का पाक साफ़ होना।
  • कपड़ा का पाक साफ़ होना।
  • नमाज अदा करते समय नमाज का वक्त होना।
  • किबला की तरफ मुंह का होना।
  • नमाज की नियत या इरादा करना।
  • बदन के सतर का छुपा हुआ होना।
  • नमाज पढने का स्थान का पाक होना।

NAMAZ KA TARIKA नमाज का तरीका हिंदी में पीडीऍफ़
NAMAZ KA TARIKA नमाज का तरीका हिंदी में पीडीऍफ़

बदन का पाक साफ़ होना

अगर नमाज पढ़ने जारे है ऐसे में पहले बदन का पाक साफ़ करें अगर बदन साफ़ नहीं होगा यानी नापाकी की हालत में नमाज नहीं पढ़ना चाहिए। ऐसे में नहाने से पहले गुस्ल करे उसके बाद नह्कर बदन को पाक करें

कपड़ा का पाक साफ़ होना

जिस तरह बदन साफ़ होना चाहिए नमाज पढ़ने के लिए उसी तरह से कपड़ा जो आपने पहना है उसको भी साफ़ सुथरा रखे अगर कपडा पर किसी तरह की गन्दगी लगा हुआ है। ऐसे में कपड़ा धो लेना चाहिए या अन्य कपड़ा पहनना चाहिए उसके बाद नमाज पढ़ना चाहिए।

नमाज का वक्त होना

इस्लाम में पांच वक्त की नमाज दिन में पढ़ी जाती है लेकिन जो आप नमाज पढ़ रहे है उसे वक्त पर अदा करे क्योकि वक्त गुजरने के बाद जो नमाज अदा किया जायेगा, वह क़ज़ा नमाज माना जाएगा।

किबला की तरफ रुख होना

इस्लाम में नमाज अदा करने की शर्ते में एक शर्त किबला की तरह मुंह का होना है। मस्जिद में नमाज अदा करते समय किबला की तरफ मुंह है या नहीं, इसकी फ़िक्र नहीं होती

क्योकि इमाम साहब क़िबला मुहं ही करके नमाज पढ़ते एंव पढ़ाते है, लेकिन अगर आप अकेले नमाज पढ़ रहे है। ऐसे में आपको इस बात का ध्यान देना चाहिए।

नमाज की नियत

जिस तरह रमजान पाक के महीने में रमजान रोजा रखने की नियत करते है। ऐसे ही नमाज पढने के लिए नियत या इरादा करना चाहिए।

बदन के सतर का छुपा हुआ होना

नाफ़ के निचे से लेकर घुटनों तक के हिस्से को मर्द का सतर कहा जाता है। अगर नमाज में यह हिस्सा दिखाई देता है। ऐसे में नमाज मुकम्मल या सही नहीं माना जायेगा इसलिए बदन के सतर का छुपा होना जरुरी है।

जगह का पाक होना

आप जहा नमाज अदा करने जा रहे है उस स्थान का पाक होना जरुरी है। ऐसे तो जमीन पर आप कही भी नमाज पढ़ सकते है।

क्योकि जमीन पाक है, लेकिन इस बात का ध्यान जरुर दे जिस स्थान या जगह पर नमाज अदा करने जा रहे है। वहा किसी तरह की गन्दगी जैसे: पेशाब, पखाना इत्यादि न हो।

GUSAL KARNE KA TRIKA

Gusal Ka Tarika in Hindi: नहाना ही काफी नहीं है मतलब नहाते वक्त गुस्ल करना भी जरुरी है गुस्ल करने का तरीका बहुत ही आसान है जो निम्नवत है:- गुस्ल का तरीका क्या है

  • गुसल की नियत करना।
  • दोनों हाथ कलाहियो तक धोना।
  • शर्मगाह को साफ़ करना या धोना।
  • बदन पर लगी निजासत धोना।
  • वुजू करना।
  • पुरे बदन पर पानी डालना।
  • दाहिने कंधे पर 3 एंव बांये कंधे पर 3 मर्तबा पानी डालना।

गुसल में कितने फर्ज होते हैं

  • कुल्ली करना
  • नाक में पानी डालना
  • पुरे बदन पर पानी बहाना
  • इस तरह से कि बदन का कोई हिस्सा छुट ना जाये।

इस्तिंजा करने का तरीका

पेशाब पखाना करने के बाद जो नापाकी लगी रहती है उसे पाक करने या साफ़ करने को इस्तिन्जा कहते है। इस्तिंजा करने का तरीका निम्नवत है:_

इस्तिन्जा करने के लिए निम्नवत इस्तेमाल कर सकते है

  • इस्तिंजा बाए हाथ से करें
  • दाए हाथ से इस्तिन्जा करना मकरूह है।
  • मिटटी का पाक ढेला
  • पत्थर
  • पानी

इस्तिन्जा निन्म्वत चीजो से मकरूह है

  • कोयला
  • कागज़
  • कपड़ा
  • हड्डी
  • लीद
  • गोबर
  • और खाने की चीजो से।

वजू करने का सुन्नत तरीका

वजू में चार फर्ज है और वजू करने का सुन्नत तरीका निम्नवत है:-

  • पुरे मुंह का धोना यानी पेशानी के बालो से ठोड़ी के नीचे तक
  • और एक कान की लौ से दुसरे कान की लौ तक
  • दोनों हाथो को केहुनियो समेत धोना
  • चौथाई सर का मसह करना करना
  • दोनों पांव टखने तक धोना।

कुरआन मजीद में अल्लाह तआला ने फरमाया –

ऐ ईमान वालो, जब तुम नमाज का ईरादा करो तो धोओ, अपने चेहरों को और हाथो को कुहनियों समेत और मसह करो अपने सर का और धोओ पांव को टखनों समेत”

वजू में कितने सुन्नत है

वजू की कुछ सुन्नते है जो निम्नवत है जिसे वजू करते समय करना चाहिए:-

  • नियत करना।
  • बिस्मिल्ला पढ़ना।
  • तीन दफा दोनों हाथ गट्टो तक धोना।
  • मिस्वाक करना।
  • तीन बार कुल्ली करना।
  • तीन बार नाक में पानी डालना।
  • दाढ़ी का खिलाल करना।
  • हाँथ पाँव की उंगलियों में खिलाल करना।
  • हर उज्व (हिस्सा) को तीन बार धोना।
  • एक बार तमाम सर का मसह करना।
  • दोनों कानो का मसह करना।
  • तरतीब से वजू करना यानी जिस तरह से कुरआन शरीफ में वजू का बयान आया है।
  • लगातार धोना यानी एक हिस्सा सूखने न पाए कि दुसरा हिस्सा धो डाले।

NAMAZ KA TARIKA

NAMAZ KA TARIKAचार रकात, दो रकात, तीन रकात की नमाज होती है एक रक’आत में एक क़याम, एक रुकू और दो सजदे होते है। नमाज पढ़ने का तरीका बहुत आसान है जो निम्नवत है:-

नमाज पढ़ने के लिए पहले वजू कीजिए फिर पाक कपड़े पहने फिर पाक जमीन पर नमाज के लिए क़िबला रुख खड़े हो जाये जिस नमाज का वक्त हो उस नमाज की नियत करें जैसे फज्र, जोहर असर, मगरिब, ईशा

नमाज का तरीका हिंदी में

  • NAMAZ के लिए दोनों हाथ कानो की लौ तक उठाइये
  • फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए दोनों हाथ को नाफ के नीचे इस तरह बाँध दीजिए
  • कि दायाँ हाथ ऊपर रहे और बायाँ हाथ नीचे रहे फिर सना पढ़े।

सना: सुबहा-न-कल्लाहम्म व् बि हम्दी- क व तबा-र-कस्मु-क व् तआला जद्दु-क व् ला इला-ह-गेरू-क

  • सना पढ़ने के बाद तअव्वुज पढ़िए

तअव्वुज: अऊजु बिल्लाह मिनश-शैतानीर-रजीम और फिर तसमिया पढ़िए यानी बिस्मिल्लाहिर्रहूमानीर्रहीम

  • इसके बाद “अल्हम्द शरीफ

अल्हम्द शरीफ: अलहम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन. अर्रहमान निर्रहीम. मालिकी यौमेद्दीन. इय्याका नाबुदु व इय्याका नस्तईन. इहदिनस सिरातल मुस्तकीम. सिरातल लजिना अन अमता अलैहिम गैरिल मग्ज़ुबी अलैहिम वलज्जाल्लीन”- आमीन

  • अब सुरह कौसर या कोई और सुरह जो याद हो उसको पढ़िए

सूरह कौसर: इन्ना आतय ना कल कौसर, फसल्लि लिरब्बिका वन्हर, इन्ना शानिअका हुवल अब्तर

  • फिर “अल्लाह हु अकबर” कहते हुए रुकूअ के लिए झुक जाए
  • और रुकूअ में दोनों हाथो से दोनों घुटने को पकड़ कर तस्बीह पढ़े:

तस्बीह: सुबहा-न-रब्बियल अजीम (3 या 5 या 7 मर्तबा पढ़े)

  • इसके बाद “समिअल्लाहु लीमन् हमिदह रब्बना लकलहम्द” कहते हुए खड़े हो जाएँ
  • अब तकबीर “अल्लाहु अकबर” कहते हुए सज्दे में इस तरह जाए कि
  • पहले घुटने जमीन पर रखे, फिर दोनों हाथ जमीन पर रखे फिर हाथ के बीच
  • पहले नाक फिर पेशानी (माथा)। अब सज्दे में तस्बीह पढ़े

नमाज का तरीका हिंदी में NAMAZ KA TARIKA

  • अब सज्दे में तस्बीह पढ़ेसुब्हाना रब्बीयल आला” ( 3 या 5 या 7 मर्तबा)
  • फिर तकबीर (अल्लाहु अकबर) कहते हुए उठे और सीधे बैठ जाए
  • और तकबीर (अल्लाहु अकबर) कहते हुए, पहले की तरह दूसरा सज्दा कीजिए
  • और सज्दे की तस्बीह सुब्हाना रब्बीयल आला 3 बार पढ़े।
  • अब तकबीर (अल्लाहु अकबर) कहते हुए खड़े हो जाए और जमीन पर हाथ को न टेके

अभी तक (सज्दो तक) आपने एक रकअत नमाज पूरा कर दिया है – अब दूसरी रकअत नमाज शुरू करें

  • दूसरी रकअत के लिए तसमिया पढ़े बिस्मिल्लाहिर्रहूमानीर्रहीम” उसके बाद
  • सुरह “अल्हम्द शरीफ” पढ़े (उपरोक्त में अल्हम्द लिखा गया है)
  • फिर सुरह ईखलास या कोई और दूसरी सुरह जो याद हो मिला कर पढ़े।

सूरह इख्लाश: कुलहु अल्लाहु अहद. अल्लाहु समद. लम यलिद वलम युअलद. वलम या कुल्लहू कुफुअन अहद।

  • अब रुकूअ कीजिए और रुकूअ तस्बीह पढ़े सुबहा-न-रब्बियल अजीम (3 या 5 या 7 मर्तबा)
  • फिर तसमीह पढ़े:- “समिअल्लाहु लीमन् हमिदह” और सीधे खड़े हो जाये
  • अब तकबीर “अल्लाहु अकबर” कहते हुए सज्दे में जाए
  • फिर दो सज्दा करने के बाद बैठ जाए और “अत्तहिय्यातु लिल्लाहि वस्सलवातु” पढ़े

अत्तहिय्यातु लिल्लाहि वस्सलवातु वत्तैय्यिबातु, अस्सलामु अलैक अय्युहन्नबिय्यु व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु, अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्लाहिस्सालिहीन, अश्हदु अल्लाइलाह इल्लल्लाहु व अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुहु।

  • उसके बाद “दुरूद शरीफ” पढ़े और फिर “दुरूद शरीफ के बाद” की दुआ।

दरूद शरीफ- अल्लाहुम्मा सल्लिअला मुहम्मदिव वा आला आलि मुहम्मदिन कमासल्लैता आला इब्राहीमा वा आला आलि इब्राहीमा इन्नाका हमीदुम मजीद अल्लाहुम्मा बारिक आला मुहम्मदिव वा आला आलि मुहम्मदिन कमाबारकता आला इब्राहीमा वा आला आलि इब्राहीमा इन्नाका हमीदुम मजीद

दरूद शरीफ के बाद दुआ: अल्लाहुम्मा रब्बाना आतैयना फिददुनिया हसनतव वा फिल आखेरते बसनतव वाकीना अजाबन्नार

  • अब सलाम फेरे, पहले दाए, फिर बाए मुंह मोड़ दे
  • दोनों जानिब मुंह मोड़ते वक्त “अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्ला” कहे
  • सलाम फेरने के बाद दोनों हाथ उठाकर दुआ मांगिए-

सलाम फेरने की दुआ हिंदी में

  • एक बार ऊँची आवाज में “अल्लाहु अकबर” कहे।
  • तीन मर्तबा “अस्तगफिरुल्लाह” कहे।
  • अब सलाम फेरने के बाद की दुआ “अल्लाहुम्मा अन्तास्सलाम” पढ़े।

अल्लाहुम्मा अन्तास्सलाम: अल्लाहुम्मा अन्तास्सलाम व मिनकस्सलाम तबारकता या जल जलाली वल इकराम

  • अब 33 मर्तबा “सुबहान अल्लाह,
  • 33 मर्तबा “अलहम्दु लिल्लाह
  • 34 मर्तबा “अल्लाहु अकबर पढ़ें
  • आखिर में एक बार ‘ला इलाहा इल्ललाहु वहदहू ला शरीका लहू…..
  • लहुल मुल्कू वलहूल हम्दु वहुवा आला कुल्ली शैईन कदीर’ यह दुआ पढ़े।
  • अब आपको जो भी दुआए याद हो पढ़ लीजिए। जैसे: आयतल कुर्सी, सुरः इखलास या अन्य
  • अल्लाह पाक से मगफिरत कीजिए और दुआ से फारिग होकर मुंह पर हाथ फेर लीजिए।

इस तरह से दो रकत नमाज मुकम्मल हुआ

आयतल कुर्सी हिंदी में लिखा हुआ

अल्लाहु ला इलाहा इल्लाहू अल हय्युल क़य्यूम ला तअ’खुज़ुहू सिनतुव वला नौम लहू मा फिस सामावाति वमा फ़िल अर्ज़ मन ज़ल लज़ी यश फ़ऊ इन्दहू इल्ला बि इजनिह यअलमु मा बैना अयदी हिम वमा खल्फहुम वला युहीतूना बिशय इम मिन इल्मिही इल्ला बिमा शा..अ वसिअ कुरसिय्यु हुस समावति वल अर्ज़ वला यऊ दुहू हिफ्ज़ुहुमा वहुवल अलिय्युल अज़ीम

NOTE – औरतों और मर्दो की नमाज़ में कोई फर्क नहीं। रसूलुल्लाह सल्ल० ने फ़रमाया “नमाज़ इसी तरह पढ़ो। जिस तरह तुम मुझे नमाज़ पढ़ते हुए देखते हो” – सहीह बुख़ारी, हदीस 231

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