MUHARRAM KE ROZE KI NIYAT मोहर्रम के रोजे की नियत मोहर्रम के रोजे की नियत कैसे करते हैं muharram ke roze kitne hai muharram ke roze rakhne ki niyat
रमजान का रोजा के बाद मोहर्रम में रोजा भी रखा जाता है क्योंकि इस रोजे की भी बहुत अहमियत इस्लाम में है इस रोजा को अफजल इबादतों में से एक माना जाता है मुहर्रम का रोजा नफिल रोजा होता है
हुजुर पाक सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने रमजान का रोजा रखा था इसलिए मुस्लिम भाई भी इस सुन्नत को पूरा करते है और मुहर्रम का रोजा रखते है इसलिए मुहर्रम का रोजा रखने की नियत करके रोजा रखते है
मोहर्रम के रोजे की फजीलत
इस्लाम में मुहर्रम रोजा रखने की बहुत सी फजीलत बताया गया है कुछ फजीलत निम्नवत है –
- दुआ कबूल होगा
- तौबा कबूल होगा
- रोजी रोटी में बरकत होगा
- इस दिन रोजा रखने और अल्लाह की इबादत करने से
- ढेरो सवाब और नेकिया आपको हासिल होगा
रसूलल्लाह (ﷺ) ने फरमाया – अगर मैं आने वाले साल तक जिंदा रहा तो मैं (मुहर्रम की) नौवीं तारीख का भी जरूर रोज़ा रखूँगा। – सहीह मुस्लिम जिल्द #3, हदीस #2667
इब्ने अब्बास रज़ि का कौल है – (मुहर्रम के)नौवें और दसवें दिन का रोज़ा रखो और यहूदियों की मुखालफत करो। – सुनन तिर्मिज़ी जिल्द#2, हदीस#755
रसूलल्लाह (ﷺ) ने फरमाया – मैं अल्लाह से उम्मीद रखता हूँ कि आशूरा के दिन का रोज़ा एक साल पहले के गुनाहों को मिटा देगा। सहीह मुस्लिम हदीस#2746
MUHARRAM KE ROZE KI NIYAT
हर साल मुहर्रम बहुत ही शान्ति से मनाया जात है इस दिन बहुत से लोग मुहर्रम का रोजा रखते है ऐसे में MUHARRAM KE ROZE KI NIYAT निम्नवत है –
MUHARRAM रोजा रखने की नियत यूँ है – नियत करता हूं मैं माहे 10 मुहर्रम उल हराम का रोजा रखने की वास्ते अल्लाह तआला के।
Muharram Roza Kholne Ki Dua – मुहर्रम रोजा खोलने की दुआ यूँ है – “अल्लाहुम्मा इन्नि लका सुम्तु वा आला रिज़्क़-इका-आफ़तरतु”
जो भाई बहन मुहर्रम का रोजा रखना चाहते है वह नियत पढ़ने से पहले यह ख़ास बातें भी पढ़े जो निम्नवत है –
मुहर्रम पर रोजा रखने से पहले 10वी मुहर्रम की सेहरी करे सेहरी करने के बाद मुहर्रम का रोजा रखने की नियत करे नियत करने के बाद फज्र की नमाज अदा करे अगर यह नमाज मस्जिद में अदा हो तो काफी बेहतर है
जिस तरह रमजान मुबारक महीने में रोजा रखने के बाद अल्लाह की इबादत करते है ठीक इसी तरह से मुहर्रम रोजा शुरू होने के बाद अल्लाह की इबादत में पूरा दिन गुजारे इस तरह से आप मुहर्रम का रोजा सेहरी से शुरू करके इफ्तार करके रोजा खोले
मोहर्रम के रोजे की नियत
जो भी मोहर्रम के रोजे की नियत की जानकारी चाहते है उन्हें हमने पहले ही बता दिया है – मोहर्रम में रोजा रखने की नियत और रोजा खोलने की दुआ से सम्बंधित
मुहर्रम रोजा रखने के लिए 10वी मुहर्रम रोजा के लिए सेहरी करे सेहरी करने के बाद मुहर्रम का रोजा रखने की नियत करे नियत करने के बाद फज्र की नमाज अदा करे अगर यह नमाज मस्जिद में अदा हो तो काफी बेहतर
जिस तरह रमजान मुबारक महीने में रोजा रखने के बाद अल्लाह की इबादत करते है ठीक इसी तरह से मुहर्रम रोजा शुरू होने के बाद अल्लाह की इबादत में पूरा दिन गुजारे इस तरह से आप मुहर्रम का रोजा सेहरी से शुरू करके इफ्तार करके रोजा खोले इसके लिए रोजा खोलने की दुआ करे
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