MUHAMMAD ﷺ IN HINDI BIOGRAPHY – पैगंबर मोहम्मद साहब ﷺ का जीवन परिचय हजरत मोहम्मद साहब की जीवनी ﷺ – मोहम्मद साहब एक महान धर्म गुरु थे जिन्होंने इस्लाम धर्म की स्थापना की थी। उन्होंने 570 ईसा पूर्व को मक्का में जन्म लिया था। उनके पिता अब्दुल्लाह इब्न अब्दुल मुतलिब थे जो मक्का के श्रेष्ठ व्यापारियों में से एक थे।
मोहम्मद साहब बचपन से ही बहुत संयमी और ध्यानी थे। उन्होंने एक धर्मगुरु के रूप में काम किया और एक दिन उन्हें विश्वास का उदय हुआ कि एक ही सत्य है और उस सत्य का नाम अल्लाह है। इसके बाद से, उन्होंने अपने जीवन को ईस्लाम के लिए समर्पित कर दिया और लोगों को इस्लाम धर्म के बारे में समझाना शुरू किया।
उन्होंने बहुत से विवादों का सामना किया था। इस्लाम धर्म की शुरुआत में, उन्हें बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। उन्होंने मक्का के लोगों को अपनी बात समझाने के लिए अपनी सारी शक्ति लगाई थी। बाद में, उन्होंने मदीना में एक समुदाय की स्थापना की जहाँ वे अपने अनुयायियों को शिक्षा देते थे।

MUHAMMAD ﷺ IN HINDI
READ HERE BIOGRAPHY MUHAMMAD ﷺ IN HINDI – मोहम्मद साहब ﷺ दुनिया के सबसे महान व्यक्तित्वों में से एक थे। उनकी जीवन शैली, नेक आदतें, उपदेश और अमल, सबकुछ उन्हें एक महान व्यक्ति बनाता है। उन्होंने एक अद्वितीय विचारधारा का प्रचार किया जो धर्म, सभ्यता, आध्यात्मिकता और आदर्शों की श्रृंखला पर आधारित थी।
- सहानुभूति और दया: मोहम्मद साहब ﷺ को बहुत सहानुभूति थी।
- वे हमेशा दूसरों के दुःख और दर्द को महसूस करते थे और उनकी मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते थे।
- न्यायप्रियता: मोहम्मद साहब ﷺ न्यायप्रिय थे और उन्होंने हमेशा न्याय की बात कही।
- वे दुर्भाग्य से पीड़ित लोगों के लिए आवाज उठाते थे और उनके अधिकारों की रक्षा करते थे।
- संयम: मोहम्मद साहब ﷺ को अद्वितीय संयम की शक्ति थी। वे हमेशा संयमपूर्ण जीवन जीते थे
- आदरणीय: मोहम्मद साहब ﷺ को सभी उम्र के लोगों का सम्मान करने का आदर्श था।
- वे हमेशा अपने दरबार में सभी का समान आदर करते थे और उनकी बात सुनते थे।
- एकता: मोहम्मद साहब ﷺ ने सभी लोगों को एक साथ रखने और समझने की बात कही।
- वे लोगों को एक साथ मिलकर अच्छे रिश्ते बनाने और एक दूसरे का सम्मान करने का संदेश देते थे।
- धर्म-निरपेक्षता: मोहम्मद साहब ﷺ ने धर्म-निरपेक्षता की बात कही।
- उन्होंने सभी धर्मों का सम्मान किया और सभी लोगों को एक साथ रखने के लिए धर्म-निरपेक्षता का संदेश दिया।
- प्रेरणादायक: मोहम्मद साहब ﷺ के विचार और उपदेशों से हमेशा लोग प्रेरणा लेते रहे हैं।
- उन्होंने अपने जीवन के माध्यम से दूसरों को आशा दी
- और उन्हें जीवन के संघर्षों से निपटने के लिए प्रेरित किया।
पैगंबर मोहम्मद साहब ﷺ का जीवन परिचय
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मोहम्मद साहब ﷺ का परिवार उनके जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से थे। वे अपने माता-पिता के बचपन से ही खास थे। मोहम्मद साहब ﷺ के पिता का नाम अब्दुल्लाह था जो मक्का के एक समृद्ध व्यापारी थे। उन्होंने उम्र 25 के लगभग बीवी आमिना से शादी की थी।
मोहम्मद साहब ﷺ के पिता का निधन उनकी जन्म से कुछ समय पहले हुआ था। जब मोहम्मद साहब ﷺ की उम्र 6 महीने हुई तब उनकी माता ने उन्हें बचपन से ही संभाला।
हजरत मोहम्मद साहब ﷺ के परिवार में कुल मिलाकर 13 बच्चे थे, जिनमें 7 बेटे और 6 बेटियां शामिल थीं। उनमें से सबसे छोटी बेटी का नाम फातिमा था जो बाद में इस्लाम के प्रख्यात विद्वान बनीं और हज़रत अली की पत्नी बनीं।
मोहम्मद साहब ﷺ के परिवार ने उन्हें सदैव प्रेरणा और समर्थन प्रदान किया जो उन्हें उनके जीवन के लिए मजबूत बनाता रहा।
हजरत मोहम्मद साहब ﷺ के कितने बच्चे थे
मोहम्मद साहब ﷺ के परिवार में कुल मिलाकर 13 बच्चे थे, जिनमें 7 बेटे और 6 बेटियां शामिल थीं। उनके बेटों के नाम इस प्रकार थे:
- कासिम: जो जन्म से पहले ही इन्स्तेकाल कर गए
- अब्दुल्लाह: जिन्हें तब तक जीना नहीं हुआ था, जब तक उनके पिता का निधन नहीं हुआ था।
- ताहिर
- तय्यब
- अब्दुल्लाह
- कासिम
- इब्राहिम
इनमें से फातिमा ज़हरा (रदिय़ाल्लाहु तआला अन्हा) इस्लाम के प्रमुख विद्वानों में से एक थीं और वे हज़रत अली (रदिय़ाल्लाहु तआला अन्हा) की पत्नी थीं।
पैगम्बर मुहम्मद की शादी किससे हुई
मोहम्मद साहब ﷺ के सबसे पहली बीवी थीं खदीज़ा (रदिय़ाल्लाहु तआला अन्हा)। उन्हें विवाह के बाद 25 वर्ष तक साथ रहा। इसके बाद, उन्होंने कई अन्य बीवियां भी शादी की। यहां उनकी सभी पत्नियों के नाम हैं:
- सवदा बिंत ज़मा
- आएशा बिंत अबी बक्र
- हफ्सा बिंत उमर
- जुवैरिया बिंत हरीथ
- सफिया बिंत हुयय अक्तब
- उम्मे हबीबा बिंत अबी सुफ्यान
- मैमूना बिंत हरिस
- जारिया बिंत आबुबक्र
- रायहाना बिंत उमर
- सुबैया बिंत हरीथ
- रमला बिंत अबु सुफ्यान
- मुलायका बिंत कौबा
- उम्मे सलमा बिंत अबी उमैय्या
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