EID KI NAMAZ KA TARIKA ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीक़ा ईद की नमाज़ की नियत कैसे करें eid namaz ka tarika Eid namaz ka tarika dua
रमजान का रोजा ख़त्म होते ही ईद का त्यौहार मनाया जाता है। मुस्लिम भाई बहन ईद की नमाज अदा करते है। ऐसे में हम ईद उल फितर की नमाज़ का तरीक़ा बताने जा रहे है।
औरत ईद की नमाज़ कैसे पढ़े?
ईद की नमाज मर्द हजरात ईदगाह में जाकर अदा करते है, और लेकिन औरत अक्सर सवाल करती है क्या औरत पर ईद की नमाज फर्ज है?
ऐसे में आपको बता दे। ईद की नमाज औरत पर वाजिब नहीं है। औरत का मसअला यह है, कि ईदगाह में ईद की नमाज का अलग से इन्तेजाम हो, तो वह जाकर नमाज जमाअत के साथ अदा कर सकती है। परदे की हालत में हो और फ़ितने वगैरह का अंदेशा नहीं हो तो जमाअत में शामिल हो सकती है।
दुरुस्त यही होगा की औरत घर पर ही नफ़्ल नमाज़ या चास्त की नमाज़ अदा करे। अल्लाह पाक रहीम करीम है इंशाअल्लाह औरत की घर पर पढ़े गए नमाज से कसीर तादात में सवाब हासिल हो जाएगा।
ईद की नमाज़ की नियत कैसे करें
यहाँ जाने ईद की नमाज़ की नियत कैसे करें ? ईद की नमाज पढने के लिए ईद की नमाज की नियत करना बहुत ही जरुरी है। ऐसे में ईद की नमाज की नियत कैसे बाँधी जाती है जाने।
किसी भी नमाज की नियत दिल के इरादे से पूरी हो जाती है ऐसे ही ईद की नमाज की नियत दिल के इरादे से हो जाती है अगर जुबानी ईद की नमाज की नियत करना चाहते है तो यूँ करें
Eid ki Namaz ki Niyat
नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ वाजिब ईदुल फित्र की मय ज़ाइद 6 तकबीरों के, वास्ते अल्लाह तआला के पीछे इस इमाम के, मुंह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़ – अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर कहते समय दोनों हाथ कान तक उठाकर ले जाये, फिर हाथ बाँध ले
EID KI NAMAZ KA TARIKA
अब EID KI NAMAZ KA TARIKA जाने – ईद की नमाज का तरीका यूँ है कि –
सबसे पहले ईद उल फितर नमाज की नियत करें फिर ईद की नमाज में सबसे पहले सना पढ़े सना हिंदी में – “सुबहाना कल्ला हुम्मा व बिहम्दिका व तबारा कस्मुका व त’आला जद्दुका वला इलाहा गैरुका”
सना पढने के बाद दुबारा से हाथ कान तक ले जाए अल्लाहु अकबर कहकर हाथ छोड़े। दूसरी बार फिर से कान तक हाथ ले जाये और अल्लाहु अकबर कहकर हाथ छोड़ दे एंव तीसरी बार भी यही करना है लेकिन इस बार हाथ को बाँध लेना है। अब ईदगाह के इमाम जो भी पढ़े उसे ध्यान से सुने इधर उधर ध्यान न दे।
इमाम साहब अऊजु बिल्लाह, बिस्मिल्लाह और सूरए फातिहा अन्य सूरत पढे तो ऐसे में मुक्तदी/आपको खामोश होकर सुनना चाहिए। जब इमाम साहब लुक्मा दे तो ईद उल फ़ित्र की नमाज में रुक्रू व सज्दे में जाए। दूसरी रकअत के लिये सज्दे से खड़े होने पर इमाम साहब बिस्मिल्लाह/सूरए फातिहा/अन्य कोई सूरत पढ़े ऐसे में आपको खामोश होकर सुनना है।
जब इमाम साहब “अल्लाहु अकबर” कहे फिर कानो तक हाथ उठाए फिर हाथ छोड़ दे दुबारा से अल्लाह हु अकबर कहेंगे। ऐसे में आपको दुबारा से कान तक हाथ ले जाकर छोड़ देना है। अंतिम एंव चौथी बार इमाम साहब “अल्लाहु अकबर” कहे तो हाथ बिना उठाये सीधे रुकू में जायेंगे और मामूल के मुताबिक नमाज़ ईद की नमाज पूरी करे।
ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीक़ा
हमने पहले ही ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीक़ा बयाया है अब आपको ईद की नमाज पढने का तरीका समझने की कोशिश करते है
नमाज जैसे पढ़ी जाती है वैसे ही नमाज पढ़े, ईद की नमाज की नियत सबसे पहले करे। नियत के बाद, पहली तकबीर में हाथ बांधे और सना पढ़े। अब तीन तकबीर होगी जिसमे से दो बार हाथ उठाकर.. “अल्लाहु अकबर” बोलना है एंव हाथ को छोड़ देना है।
तीसरी तकबीर में भी “अल्लाहु अकबर कहना है लेकिन इस बार हाथ को छोड़ना नहीं है बाँध लेना है। इसी तरह से दूसरी रकअत में सूरह फातिहा और दूसरी सूरह के बाद, तीन बार अल्लाहु अकबर बोलकर हाथ उठाना है। एंव छोड़ देना है एंव चोथी रकअत में सीधे रुकू में चले जाना है।
अब आपको अन्य नमाज की तरह ही इमाम साहब के पीछे ईद की नमाज पढ कर पूरी करेंगे। ईद की नमाज ख़त्म हो जाने के बाद इमाम साहब खुत्बा पढेंगे जिसे ध्यान से सुनना चाहिए। खुत्बा सुनना वाजिब है अगर किसी वजह से ईद का खुत्बा नहीं सुन सकते है कोई बात नहीं अल्लाह रहीम करीम और गैब की हर खबर से वाकिफ है
EID के DIN की SUNNAT KYA HAI
बहुत से इस्लामिक लोग EID के DIN की SUNNAT KYA HAI के बारें में जानना चाहते तो पढ़े –
- ईद-उल फित्र के दिन सुबह में उठ जाना चाहिए
- फ़ज़्र की नमाज़ अदा करना चाहिए।
- नाख़ून की साफ़ सफाई कटाई करे।
- सर के बाल को अच्छे से कटिंग करवाना।
- नहाने के समय गुस्ल करना।
- दांत की सफाई करना (मिस्वाक)
- नए कपडे पहनना अगर नए कपडे नहीं हो ऐसे में पुराने कपडे को अच्छे से साफ कर पहनना।
- इत्र लगाना। {मर्द हजरात)
- ईदगाह में ईद की नमाज पढने जाने से पहले कुछ मीठा खाना सुन्नत है।
इस्लाम में जकात और फितरा निकालना सवाब का काम माना जाता है ऐसे में ईद की नमाज पढने से पहले जकात एंव फितरा निकाले। फितरा घर के एक सदस्य पर पौने दो किलो अनाज या अनाज की कीमत पर निकालते है। जैसे: 1 सदस्य पर = पौने दो किलो (1.75) 5 सदस्य पर = पौने दो किलो(1.75)X10= 17.5 फितरा एंव जकात पर फकीरों एंव गरीबो का हक़ बनता है
क्योकि वह भी ईद की खुशिया अच्छे से इस तरह से मना पायेंगे। ईद की नमाज पढने के लिए ईदगाह में जल्दी जाना चाहिए एंव पैदल जाना चाहिए अगर ईदगाह बहुत दूर है ऐसे में आप बढ़िया विकल्प चुन सकते है।
नबीये करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की एक सुन्नत में यह भी शामिल है वह एक रास्ते से ईदगाह के लिए जाते थे एंव दुसरे रास्ते से वापस आते थे लिहाज़ा ईदगाह आने-जाने के लिए आप भी अलग अलग रास्ते पकड़ सकते है
ईद की नमाज अगर मज़बूरी न हो तो खुले में पढना चाहिए इसलिए ही ईदगाह में छत नहीं लगाया जाता ईदगाह जाते वक्त रास्ते में यह तकबीर पढ़ना चाहिए। – अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर, लाइलाहा इल्ललाहु, अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर, वलिल्लाहिलहम्द
eid ul fitr ke masail
ईद के दिन के कुछ मसाइल है (eid ul fitr masail) भी है –
- जिस दिन ईद होती है उस दिन रोजा नहीं रख सकते है।
- ईद उल फ़ित्र की नमाज से पहले नफ़्ल नमाज़ नहीं होगी।
- जब तक मर्द की ईद की नमाज पूरी ना हो जाये
- तब तक औरत नफ़्ल या चास्त की नमाज़ नहीं अदा कर सकती।
- ईद की नमाज़ मुसाफिर पर बीमार पर अपाहिज पर बहुत ज्यादा बूढ़े आदमी पर औरतो पर वाजिब नहीं होती है।
- ईदउल फ़ित्र की नमाज शव्वाल की एक तारीख (चाँद पर निर्भर) को अदा किया जाता है।
- ईद आने से पहले मुस्लिम समुदाय के भाई बहन पुरे एक महीने का रोजा रखना
- अल्लाह की इबादत, तरावीह की नमाज पढ़ना, सुबह में सेहरी क रना, शाम में इफ्तार करना इत्यादि करते है।
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