BAKRA EID KAB HAI – 2025 में बकरा ईद कब है bakra eid kab hai kaun se mahine mein बकरा ईद कौन से महीने में है ईद उल जुहा कब है
बकरा ईद का इतिहास, इस्लाम के अनुसार काफी पुराना है। बकरा ईद में ~ बकर एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ मतलब होता है गाय लेकिन भारत में हिंदी उर्दू भाषा में बकरी-बकरा के नाम से जुडा हुआ माना जाता है।
भारत में बकरे की कुर्बानी दी जाती है। इसी तरह से इसका नाम बिगड़ गया एंव आज भारत, पाकिस्तान, बांग्ला देश में “बकरा ईद” के नाम से जाना जाता है। कुर्बानी का अर्थ मतलब जानवर के जिबह अर्थात कुर्बान करना होता है। हर वर्ष ईद के बाद बकरा ईद का त्यौहार मनाया जाता है ऐसे में इस साल बकरा ईद Bakra Eid कब है
BAKRA EID KAB HAI
BAKRA EID 2025 – 2026 की बकरा ईद सूर्य की शाम, 16 जून, 2025 – सोमवार, 17 जून, 2025 को आ रहा है सऊदी में शनिवार की शाम, 15 जून, 2025 – बुध, 19 जून, 2025 को आ रहा है
बकरा ईद क्यों मनाई जाती है
बकरा ईद जिसे अन्य नाम ईदुल अज़हा/ईद अल-अज़हा/ईद उल-अज़हा,/ईद अल-अधा/ईदुज़ जुहा इत्यादि नाम से भी जाना जाता है। बकरा ईद का मतलब अर्थ होता है ~ कुर्बानी, इस्लाम के मानने के लिए या फिर मुस्लिम समुदाय के लिए ईद उल अजहा एक प्रमुख त्यौहार है। रमाजन रोजा रखने के एक महीने के बाद लगभग 70 दिन बाद बकरा ईद का त्यौहार मनाया जाता है।
स्लाम के मान्यता के अनुसार अल्लाह पाक ने हज़रत इब्राहिम अलैहि अस्सलाम को एक ख़्वाब दिखाया। जिसमें कुर्बानी, अपने सबसे प्यारी/नजदीक जो है उसकी करनी थी। ऐसे में बहुत सोचने के बाद हज़रत इब्राहिम सलाम अपने पुत्र/बेटे की हज़रत इस्माइल सलाम की कुर्बानी देने का फैसला करते है।
जब बेटे की कुर्बानी हजरत इब्राहिम सलाम दे रहे थे। आँख पर कपडा बाँधा गया था, क्योकि कोई भी पिता अपने बेटे को कुर्बान नहीं कर सकता है, इसलिए आँख पर कपड़ा बाँध कर कुर्बानी दी गई।
जब आँख खोल कर देगा गया तो बेटे की जगह जुब्बा यानी भेड़ की कुर्बानी हुई थी। यह अल्लाह पाक का चमत्कार था। इसी रीति रिवाज को इस्लाम के मानने वाले आज भी मनाते है।
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