AURAT KI JUMA NAMAZ KITNI RAKAT HAI IN HINDI Jumma ki Namaz ki rakat sunni jumma ki namaz ki rakat for ladies in hindi aurat ki juma ki namaz ki rakat
औरतों की नमाज के बारें में समय समय जानकारी देते रहते है ऐसे में आज जुम्मा की नमाज औरत कैसे पढ़ें और क्या औरत जुमा की नमाज पढ़ सकती है? इसके बारें में जाने

क्या औरत जुमा की नमाज पढ़ सकती है?
हदीस शरीफ से पता चलता है कि जुमा/जुम्मा/जुमे की नमाज पांच लोगो पर फर्ज नहीं है जो निम्नवत है:- गुलाम, मुसाफिर, बच्चा, औरत बीमार आदमी
इस तरह से पता चलता है कई औरत जुमा की नमाज पढ़ सकती है या नहीं? हदीस के मुताबिक़ औरत जुमा की नमाज पढ़ना चाहे तो पढ़ सकती है लेकिन जुमा की नमाज बगैर खुतबा/इमाम के मुकम्मल नहीं होती है जुम्मा की नमाज केवल मस्जिद में पढ़ी जा सकती है इसलिए औरत को भी जुमा की नमाज पढने के लिए मस्जिद जाना होगा
जुम्मा की नमाज औरतों की
औरत नमाज के लिए मस्जिद तो जायेगी नहीं अगर किसी मस्जिद में परदे का इन्तेजाम हो ऐसे में औरत भी जुम्मा की नमाज पढ़ सकती है अगर औरत, गैर मर्द को बगिर दिखाई दिए नमाज पढ़ सके तो जुमा की नमाज इमाम की मौजूदगी में औरत भी पढ़ सकती ह
जुमा की नमाज औरत पढ़ना चाहे तो पढ़ सकती है लेकिन जो हदीस में बताया गया उसके मुताबिक़ अगर इन्तेजाम हो तो ही नमाज पढ़ी जा सकती है औरतों की नमाज का तरीका
अगर औरतों को जुमा नमाज घर पर अकेले पढ़ने से मनाही है ऐसे में औरत जुमा की नमाज कैसे पढ़े? इसके मुताबिक़ हदीस से पता चलता है कि- औरत जुमा की नमाज की जगह जुहूर/जोहर की नमाज पढ़े
AURAT KI JUMA NAMAZ KITNI RAKAT HAI IN HINDI
जो लड़की या AURAT सवाल करती है KI JUMA NAMAZ KITNI RAKAT HAI IN HINDI ? – जो लड़की या औरत जुमा की नमाज पढने के बारें में सोच रही है उन्हें जानकारी तो मिल चुकी है लेकिन औरत को जुमा के दिन 12 रकात नमाज पढ़नी चाहिए जबकि लड़के या आदमी 14 रकात की नमाज जुम्मा के दिन पढ़ते है –
जोहर की नमाज की नियत बताइए
पांच वक्त की नमाज में एक वक्त की नाम जुहूर है जुहूर नमाज की रकात कुल 12 होती है 4 रकात सुन्नत+4 रकात फर्ज+ 2 रकात सुन्नत + 2 रकात नफिल इस तरह से कुल 12 रकात नमाज हें
जोहर की नमाज़ की नियत
सुन्नत नमाज की नियत “नियत की मैंने चार रकआत नमाजे जुहर की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा कआबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर”
फर्ज नमाज की नियत: “नियत की मैंने नमाजे जुहर की चार रकआत फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा कआबा शरीफ की तरफ अल्ल्लाहु अकबर
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