AHMADIYYA MUSLIM IN HINDI अहमदिया मुसलमान कौन होते हैं

AHMADIYYA MUSLIM IN HINDI अहमदिया मुसलमान कौन होते हैं
AHMADIYYA MUSLIM IN HINDI अहमदिया मुसलमान कौन होते हैं

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इस्लाम धर्म के बारे में कहा जाता है कि यह 72/73 फिरके में विभाजित है। अहमदिया समुदाय भी इन्ही समुदाय का हिस्सा है। इस्लाम धर्म के दो सम्प्रदाय शिया या सुन्नी मुख्य सम्प्रदाय है लेकिन यह दोनों सम्प्रदाय अहमदिया मुस्लिम को मुस्लिम नहीं मानते है। इसके कई कारण है जिनके बारे में आज जानकारी लेकर हाजिर है।

Ahmadiyya Muslim in Hindi: हिन्दू धर्म के मानने वाले अपने जीवन काल में एक बार चारधाम यात्रा करने के बारे में सोचते है। ठीक ऐसे ही इस्लाम धर्म में भी अपने जीवनकाल में एक बार हज यात्रा मुस्लिम समाज के लोग चाहते है। हज यात्रा के लिए सऊदी अरब में मुख्य तीर्थस्थल है। जिसमे मक्का शहर सबसे पवित्र स्थल के रूप में जाना जाता है।

हिन्दू धर्म में जिस तरह पाप को धोने के लिए मंदिर या गंगा स्नान के लिए जाते है। ऐसे में इस्लाम धर्म के लोग हज यात्रा के लिए जाते है। अपने गुनाहों को ख़त्म करने के लिए हज करते है जो लोग आर्थिक एंव शारीरिक रूप से अच्छे है। उन्हें अपने जीवनकाल में एक बार हज यात्रा करना अनिवार्य है।

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AHMADIYYA MUSLIM IN HINDI अहमदिया मुसलमान कौन होते हैं

अहमदिया मुसलमान कौन होते हैं

इस्लाम धर्म में कई सम्प्रदाय है, उन्ही में एक सम्प्रदाय अहमदिया मुस्लिम भी है, लेकिन इस सम्प्रदाय को मुस्लिम समुदाय के ही लोग ही मुस्लिम नहीं मानते है। इसलिए अहमदिया मुस्लिम को हज यात्रा पर जाने से भी रोक है। सऊदी अरब देश भी अहमदिया मुस्लिम को हज यात्रा पर रोक लगाया हुआ है।

अगर किसी तरह से अहमदिया मुस्लिम समुदाय के लोग हज यात्रा पर पहुँच भी जाते है, तो सऊदी हुकूमत उन्हें गिरफ्तार कर लेती है, या फिर उन्हें बिना हज पूरा किए वापस उसी देश में भेज देते है जिस देश के अहमदिया मुस्लिम रहने वाले हो।

अहमदिया मुस्लिम इस्लाम धर्म का ही एक सम्प्रदाय है, लेकिन अधिकतर मुस्लिम सम्प्रदाय इन्हें “काफिर” कहते है। इसका कारण आखिरी पैगम्बर में विश्वास न होना है।

अहमदिया समुदाय क्या है काफिर?

AHMADIYYA MUSLIM – समुदाय इस्लाम धर्म का ही एक भिन्न अंग है लेकिन इन्हें अन्य समुदाय काफिर मानते है। हज़रत मोहम्मद को अपना आखरी पैगम्बर स्वीकार नहीं करते यही सबसे बड़ा कारण इन्हें काफिर के नाम से जाना जाता है या फिर माना जाता है। अहमदिया समुदाय का मत है “नबुअत (पैगम्बरी ) की परंपरा रूकी नहीं है बल्कि सतत जारी है”

जबकि इस्लाम धर्म इसका खंडन करता है। इस समुदाय के लोग वर्तमान सर्वोच्च धर्मगुरु मिर्जा गुलाम अहमद को नबी के रूप में ही मानते हैं। यह एक बहस का मुद्दा है इसलिए ही अहमदिया समुदाय विवाद में है। अन्य मुस्लिम समुदाय अहमदिया समुदाय का बायकाट करते है उन्हें हिदायत दी जाती है वह खुद को मुसलमान कहना बंद करे। अहमदिया समुदाय को ‘कादियानी’ भी कहा जाता है।

अहमदिया आंदोलन कब हुआ – AHMADIYYA MUSLIM IN HINDI

आन्दोलन अहमदिया गुरदासपुर के कादियान नामक कस्बे में हुआ अहमदिया आन्दोलन 23 मार्च 1889 को हुआ था जिसे आन्दोलन या अहमदिया आन्दोलन के नाम से जाना जाता है।

यह अहमदिया आन्दोलन एक अनोखा आन्दोलन था। क्योकि इस आन्दोलन में एक व्यक्ति ने “मसीहा” या पैगम्बर फिर आयेंगे। ऐसा कहा फिर कुछ दिन बाद ही घोषणा कर दिया मैं ही मसीहा हूँ

इस आन्दोलन को शुरू करने वाले व्यक्ति मिर्जा गुलाम अहमद है इस अहमदिया आंदोलन शुरू करने के दो साल बाद 1891 में अपने आप को “मसीहा” घोषित कर दिया। 1974 में अहमदिया संप्रदाय के मानने वाले लोगों को पाकिस्तान में एक संविधान संशोधन के जरिए गैर-मुस्लिम करार दे दिया गया।

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