MADARIYA PAHAD NEPAL 2025 मदरिया पहाड़ मेला कब है madariya pahad mela 2024 date MADARIYA PAHAD HEIGHT madariya pahad ka mela kab lagega madariya pahad nepal photos
भारत के पड़ोसी देश नेपाल में मदरिया पहाड़ मेला हर साल लगता है मदरिया पहाड़ मेला हिंदी मुस्लिम एकता एंव आस्था का एक विशाल केंद्र है हर साल सभी धर्मो के श्रद्धालु इस मदरिया पहाड़ मेला घुमने और बाबा हजरत बदीउद्दीन कुतबुल मदार पर जाकर अपने दिल की मुराद मांगते है
- मदरिया पहाड़ मेला 2024 – मदरिया पहाड़ मेला हर साल/वर्ष फरवरी महीने में लगता है करीबन 15 दिन मदरिया पहाड़ मेला चलता है
- स्थान – नेपाल
- मदरिया पहाड़ की ऊंचाई – 1000 Foot approximately
- मदरिया पहाड़ कितने किलोमीटर है – NA
- मदरिया पहाड़ कहाँ है – मदरिया पहाड़ नेपाल में स्थित है एंव मदरिया पहाड़ का मेला/उर्स का आयोजन हर साल मनाया जाता है
- गोरखपुर से मदरिया पहाड़ की दूरी कितनी है – लगभग 277.0 Km है
- गोपालगंज से मदरिया पहाड़ की दूरी – 163 KM लगभग
- मदरिया पहाड़ का रास्ता गोरखपुर से होकर जाता है अन्य रास्ते भी है
MADARIYA PAHAD
MADARIYA PAHAD 2025 – मदरिया पहाड़ का मेला हर वर्ष/साल फरवरी महीने में लगता है अगर आप 2024 में मदरिया पहाड़ मेला नेपाल घूमना चाहते है तो फरवरी महीने में जा सकते है क्योकि हर साल फरवरी के महीने में मदरिया पहाड़ मेला लगता है और यह मेला लगभग तेरह दिन चलता है हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक है
उत्तर प्रदेश/बिहार/अन्य राज्य से भी लोग मदरिया पहाड़ मेला घुमने जाते है यह मेला नेपाल बॉर्डर से बहुत नजदीकी है इसलिए गोरखपुर शहर मदरिया पहाड़ मेला जाने का प्रमुख केंद्र माना जाता है
मदरिया पहाड़ मेला का इतिहास
मदरिया पहाड़ का मेला गोरखपुर से सटे पड़ोसी देश नेपाल में स्थित है इस मदरिया पहाड़ में बाबा बदीउद्दीन की मजार स्थित है कहा जाता है बाबा बदीउद्दीन कुतबुल मदार बाबा मदार 600 वर्ष पूर्व कई देशो का भ्रमण करते हुए भाईचारे एंव मुहब्बत का पैगाम लेकर ईरान से आये थे जहा पर बाबा की मजार है कहा जाता है
वह पाल पाली वंश के राजाओं के आदेश पर तत्कालीन जमीदार माधव पंजियार ने गुदरी गाँव के शेर बहादुर आमत्य के सहयोग से मदार गढ़ी में चिलाकसी (ध्यान धारणा) के लिए जमीन मुहैया कराया गया था
मदरिया पहाड़ मेला
बाबा गरीब गुरबा जो अपने बीमारी से परेशान होते थे उन्हें मदार का दूध लगाने का सलाह देते थे इस तरह से बीमार को मदार के दूध से फायदा मिल जाता था मदार के दूध से बीमारों का इलाज करते थे
इसलिए ही आपका नाम मदार बाबा पड़ा मदरिया पहाड़ का मेला जाने वाले श्रद्धालुयो के लिए पडरौना/पनीयहवा से फरवरी महीने में बस चलना शुरू हो जाती है साथ ही गोरखपुर से भी बस पकड़कर नेपाल बॉर्डर या फिर मदरिया पहाड़ का मेला जा सकते है
मदरिया पहाड़ का रास्ता MADARIYA PAHAD
मदरिया पहाड़ का रास्ता पहाड़ पर चढ़ कर गुजरता है नेपाल के महलबारी के बाद दुर्गम एंव पहाड़ी क्षेत्र शुरू हो जाता है पहला पड़ाव गुद्दर बाबा है जहा पर कपड़े का कतरन चढाने की परम्परा है उसके बाद नगाडा है
यहा पर मुजावार डंका बजाते है इसके बाद आता है नकदरवा जहा पर पहाड़ो की कठिन चढ़ाई शुरू होती है इस जगह पर बहुत ही संभल कर चलना पड़ता है क्योकि हजारो की फिट की खाई यही से शुरू हो जाता है
इसलिए जितना संभल कर चल सकते है चलते है इसके बाद आता है चौथा गेट जहा चावल का चढ़ावा चढाने की परम्परा है उसके बाद आता है पांचवा पहाड़ शुरू होता है यहा पर जंगली बाबा से लोग मन्नत मांगते है इस गेट को पार करते ही शुरू हो जाता है छठवा गेट, इस गेट को केवल महिलाए पार कर सकती है
इस गेट को सदर गेट के नाम से भी जाना जाता है इसके बाद सातवा पहाड़ कोहड़ा बाबा आता है अब इसके बाद आठवा पहाड़ आएगा जिसे शहजादी का मजार आता है इस मजार पर भुत प्रेत आत्मा से छुटकारा वाले लोग ठहरते है और आखिर पहाड़ यानी नौवा पहाड़ है मदरिया पहाड़ जिस मदरिया पहाड़ के बारे में आपको जानकारी दी जा रही है
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