TAHAJJUD KI NAMAZ KA TARIKA तहज्जुद की नमाज़ का तरीका

TAHAJJUD KI NAMAZ KA TARIKA तहज्जुद की नमाज़ का तरीका
TAHAJJUD KI NAMAZ KA TARIKA तहज्जुद की नमाज़ का तरीका

TAHAJJUD KI NAMAZ KA TARIKA तहज्जुद की नमाज़ का तरीका तहज्जुद नमाज़ की नियत कैसे करें तहज्जुद की नमाज़ का तरीका फॉर लेडीज तहज्जुद की नमाज़ कितनी रकत है

इस्लामिक भाइयों और बहनों हर मुसलमान औरत और मर्द पर पांच वक्त की नमाज फर्ज है लेकिन तहज्जुद की नमाज़ फर्ज नहीं है फिर भी बहुत से इस्लामिक भाई और बहन इस नमाज को पढ़ते है ऐसे में हम आपको तहज्जुद नमाज़ का तरीका और तहज्जुद की नमाज़ से सम्बंधित सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे तहज्जुद का अर्थ (रात की नमाज) होता है

तहज्जुद की नमाज़ की नियत कैसे बांधे

इस्लामिक भाइयों तहज्जुद नमाज़ की नियत यूँ है कि –

मैं नियत करता हूँ दो रकात नफ्ल नमाज तहज्जुद की वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़ -अल्लाहु अकबर,

कहकर तहज्जुद नमाज़ के लिए हाथ बांधे इस तरह से आपको इस बात का अंदाजा हो जाना चाहिए कि तहज्जुद नमाज़ नफिल है क्योंकि नियत में हमने नफिल कहा है

TAHAJJUD KI NAMAZ KA TARIKA तहज्जुद की नमाज़ का तरीका
TAHAJJUD KI NAMAZ KA TARIKA तहज्जुद की नमाज़ का तरीका

तहज्जुद की नमाज़ का तरीका

जो भी इस्लामिक भाई बहन तहज्जुद की नमाज़ का तरीका जानना चाहते है उनके लिए यह जानकारी निम्नवत है –

नमाज का तरीका पहले ही बताया गया है जिस तरह से फज्र जोहर असर मगरिब ईशा की नमाज दो रकात नमाज पढ़ते है तहज्जुद की नमाज़ का तरीका भी वही है तहज्जुद की नमाज़ का तरीका पढ़े –

  • सबसे पहले तहज्जुद की नमाज़ की नियत करें
  • अल्लाहु अकबर कहते हुए हाथ नाभि नीचे बांधे
  • इसके बाद सना पढ़ें फिर तअव्जुज तस्मिया पढ़े
  • इसके बाद सूरह फातिहा और कोई भी एक सूरह (सूरह फील) पढ़े
  • अब सीधे रुकूअ में “अल्लाहु अकबर” कहते हे चले जाएँ
  • रुकुअ में “सुब्हान रब्बिल अजीम” 3 बार कहे
  • इसके बाद “समी अल्लाह हुलेमन हमीदा” कहते हुए खड़े हो जाएँ
  • अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएँ
  • सजदे में सुब्हान रब्बि यल आला 3 बार पढ़े
  • सजदे से उठकर बैठ जाएँ और दुबारा से दूसरा सजदा करें
  • इस बार भी सजदा में सुब्हान रब्बि यल आला, 3 बार पढ़े
  • इस तरह से तहज्जुद की नमाज़ की पहली रकात मुकम्मल हो जाती है

IMPORTNAT –

इसके बाद दूसरी तहज्जुद की नमाज़ की रकात पूरी करें ऐसे में सजदे से सीधे खड़े हो जाना है और पहली रकात तहज्जुद की नमाज़ जैसे पढ़ा था ठीक वैसे ही दूसरी रकात नमाज को भी मुकम्मल करें तहज्जुद की नमाज़ जब मुकम्मल हो जाए तो अल्लाह पाक से रो रो कर दुआ मांगे

TAHAJJUD KI NAMAZ KA TARIKA

मेरी इस्लामिक बहनों तहज्जुद की नमाज़ का तरीका फॉर लेडीज और बॉयज दोनों के लिए एक ही है लेकिन जो अंतर हाथ बाँधने रुकूअ में जाने सजदा में जाने का है उसे ध्यान जरुर रखे

सुन्नत है या नफील तहज्जुद की नमाज

अक्सर यह सवाल एक दुसरे से करते हुए लोगो को हमने पाया है ऐसे में आपकी जानकारी के लिए बता दे तहज्जुद की नमाज एक नफील नमाज है

तहज्जुद की नमाज़ का टाइम

आधी रात के बाद में, सोकर उठने से लेकर सुबह सादिक तक तहज्जुद की नमाज़ का टाइम होता है। आसान भाषा में कहे तो जब आपके यहाँ रमजान रोजा सेहरी के लिए लोग उठना शुरू कर देते है वही टाइम (समय) तहज्जुद की नमाज़ का टाइम सही माना जाता है

तहज्जुद की नमाज़ कितनी रकत है

तहज्जुद की नमाज कम से कम दो रकात और औसतन आठ और ज्यादा से ज्यादा बारह रकात ही पढ़ते हैं और मैं खुद भी फज्र अजान के आधे घंटे पहले 8 रकात तहज्जुद की नमाज पढ़ता हु

तहज्जुद की नमाज़ में क्या पढ़े

  • सबसे पहले तहज्जुद की नमाज़ की नियत करें
  • उसके बाद सना पढ़े
  • सना पढने के बाद तअव्जुज तस्मिया पढ़े
  • फिर सूरह फातिहा और कोई एक सूरह जैसे सूरह फील
  • इसके बाद रुकूअ में “सुबहा-न-रब्बियल अजीम” 3 मर्तबा पढ़े
  • इसके बाद “समिअल्लाहु लीमन् हमिदह कहते हुए खड़े हो जाए
  • सजदे में “अल्लाहु अकबर” कहते हुए सीधे जाएँ
  • और सजदे में 3 बार सुब्हाना रब्बीयल आला पढ़े
  • दुसरे सजदे में भी सुब्हाना रब्बीयल आला” पढ़े
  • इसके बाद खड़े हो जाएँ और दुबारा से सूरह फातिहा पढ़े और इसके बाद सूरह इखलास पढ़े
  • सूरह इख्लास की जगह जो सूरह आपको याद हो वह पढ़ सकते है
  • इसके बाद दुबारा से रुकूअ में चले जाए और सुबहा-न-रब्बियल अजीम” 3 मर्तबा पढ़े
  • समिअल्लाहु लीमन् हमिदह कहते हुए खड़े हो जाए
  • इसके बाद “अल्लाहु अकबर कहते हुए दुबारा से सजदे में चले जाएँ
  • और सजदे में 3 बार सुब्हाना रब्बीयल आला पढ़े
  • बैठ जाए फिर दूसरा सजदा करें और सजदे में 3 बार सुब्हाना रब्बीयल आला पढ़े
  • फिर काएदे में बैठ जाएँ अत्तहिय्यात लिल्लाहि, दरूद शरीफ, दुआए मसुरा पढ़े
  • इसके बाद सलाम फेरे, पहले दाएं फिर बाएं और कहे – “अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्ला
  • इसके बाद फातिमा तस्बीह पढ़े
  • फिर तहज्जुद नमाज़ की दुआ पढ़े

तहज्जुद नमाज़ की दुआ

जब तहज्जुद नमाज़ ख़त्म हो जाएँ फिर तहज्जुद नमाज़ के बाद की दुआ पढ़े जो यूँ है – Tahajjud Ki Dua

अल्लाहुम्म लकल हम्दु अन्त नूरुस् समावाति वल अर्जि व मन फीहिन्न व लकल हम्दु अन्त कयिमुस् समावाति वल अर्जि व मन फीहिन्न अन्तल हक्कु व अदुकल हक्कु व लिकाउकल हक्कु वल जन्नतु हक्कुन वन्नारू हक नबियु क मुहम्मदुन हक्कुन वस्सा अतु हक. अल्लाहुम्म ल क असलमतु व बि क आमन्तु व अलैक तवक्कल्तु व इलै क अनब्तु व बि क खासम्तु व इलै क हाकम्तु कगफिरली मा कद दम्तु व मा अख्खरतु व अ स् ररतु व अन्त इलाही ला इलाह इल्ला अन्त

DUA FOR TAHAJJUD IN ENGLISH

Allahumma Lakal Hamdoo Anta Nurus-samaawati Wal Arzee Wa Man Fiheenn Wa Lakal Hamdoo Anta Qayimus Samaawati Wal Arzee Wa Man Fiheenn Antal Hakoo Wa Adukal Hakku Wa Leeka’ukal Hakku Wal Zannatu Haqqun Wannaru Haq Nabiyu Ka Muhammadun Haqqun Wasaa’ Atu Haq Allahumma La Ka Asalamatu Wa Bi Ka Aamantu Wa Alaika Tawakkaltu w ilaika Anbtu Wa Bi Ka Khasmatu Wa ilaika Haaqmatu Kagfirlee Maa Qad Damtoo Wa Maa Akhkhratu Wa Asr-ratu Wa Anta ilaahi Laa ilaha illa Anta.

तर्जुमा हिंदी में DUA FOR TAHAJJUD

ऐ अल्लाह! तारीफें आपके लिए हैं आप ही आसमानों और जमीन के थामने वाले हैंं और जो कुछ भी उसमें है। और तारीफें आप ही के लिए हैं आसमानों और जमीन और जो कुछ भी उसमें है सब आप ही के अधिकार (कब्जे) में हैंं।

और तारीफें आप ही के लिए हैं आप ही आसमानों और जमीन की रोशनी हैं। और तारीफें आप ही के लिए हैं, आप सच हैं आपका वादा सच्चा है, आपसे मिलना सच है आपकी बातें सच हैं, जन्नत सच है, जहन्नुम सच है और सारे पैगंबर सच हैंं

और मुहम्मद(शांति और आशीर्वाद{बरकते} उन पर हो) सच है और वह समय(कयामत का) सच है। ऐ अल्लाह! मैंने आपको अपना मान लिया और मैंने आप पर यकीन(विश्वास) किया और मैंने आप पर ऐतमाद(भरोसा) किया,

और आप ही की और तोबा (पश्चाताप) किया और आपके लिए मैंंने झगड़ा किया, और आपके मयार के मुताबिक मैंने फैसला किया मुझे माफ कर देंं उन सभी गुनाहों के लिए जो मैंने पीछे छोड़े जो मैंने आगे भेजें

जो मैंने छुपाए, जो मैंने जाहिर किये। आप ही (इंसान को) आगे बढ़ाने वाले हैं और आप ही पीछे रखने वाले और आपके सिवा कोई खुदा/अल्लाह नहीं।

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