KICHOCHA SHARIF – किछौछा शरीफ का इतिहास हिंदी में Kichocha Sharif Ka Itihas in Hindi Kichocha Sharif History in Hindi गोरखपुर से किछौछा शरीफ कितना दूर है
किछौछा शरीफ दरगाह का इतिहास लगभग 800 साल पुराना पुराना है हजरत मखदूम अशरफ जहांगीर सिमनानी रहमतुल्लाह अलैह के दरगाह किछौछा शरीफ दरगाह के नाम से भी जाना जाता है आइये जाने किछौछा शरीफ दरगाह का इतिहास
KICHOCHA SHARIF
भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में किछौछा शरीफ दरगाह स्थित है इस दरगाह में भुत प्रेत जिन्न जिन्नात से परेशान लोग अपनी फ़रियाद लेकर आते है जिनकी सुनवाई सात हाजरी के बाद होती है इस दरगाह पर मुहर्रम महीने में बहुत ही अधिक भीड़ होती है
किछौछा शरीफ का इतिहास हिंदी में
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किछोछा शरीफ में हजरत मखदूम अशरफ जहांगीर सिमनानी रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह स्थित है ईरान के सिमनान कस्बे में 707 हिजरी में सूफी सन्त मखदूम अशरफ का जन्म हुआ था
बाबा मखदूम जब पन्द्रह वर्ष के थे उसी समय आपके पिता इब्राहिम (बादशाह) का इन्तेकाल(मृत्यु) हो गया था इसके बाद से आपको बड़े पुत्र होने की वजह से उत्तराधिकारी बनाया गया कुछ वर्ष तक आपने उत्तराधिकारी का पद संभालने के बाद आप अपनी दिलीइच्छानुसार आपके छोटे भाई मोहम्मद को राज सिंहासन दे दिया उत्तराधिकारी का पद छोड़ने के बाद आप अल्लाह (ईश्वर) की राह में अपने जीवन को सुपुर्द कर दिया
इसके बाद आपको ईश्वरी संदेश मिला:- ऐ मखदूम अशरफ फकीरी की मंजिल पाने के लिए हिन्दुस्तान की तरफ कूच कर जाओ” इस तरह से बाबा मखदूम अशरफ हिन्दुस्तान की तरफ रवाना हुए एंव 808 हिजरी (सन 1387) में आपने मानव सेवा करते हुए अपने जीवन की आखरी सांस ली और इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कर दिया
किछौछा शरीफ में किसकी दरगाह है
किछोछा शरीफ में हजरत मखदूम अशरफ जहांगीर सिमनानी रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह स्थित है
रेलवे स्टेशन किछौछा शरीफ
किछौछा शरीफ रेलवे स्टेशन मौजूद नहीं है किछौछा शरीफ के सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन अकबरपुर रेलवे स्टेशन है
किछौछा शरीफ की दूरी
- अकबरपुर से किछोछा शरीफ लगभग 52 min का रास्ता है एंव दुरी लगभग 24.5 किलोमीटर है
- बरेली से किछौछा शरीफ की दूरी लगभग 480.5 किलोमीटर है
- लखनऊ से किछोछा शरीफ लगभग 226.3 किलोमीटर है
- बस्ती से किछौछा शरीफ की दूरी लगभग 63.4 किलोमीटर है
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