ROZA RAKHNE KI DUA रोजा रखने की दुआ हिंदी में

ROZA RAKHNE KI DUA रोजा रखने की दुआ हिंदी में
ROZA RAKHNE KI DUA रोजा रखने की दुआ हिंदी में

ROZA RAKHNE KI DUA रोजा रखने की दुआ हिंदी में roza rakhne ki dua hindi mein रोजा रखने की दुआ उर्दू में roza rakhne ki dua (sehri)

इस्लामी कैलेंडर के नौवे महीने को रमज़ान का महीना कहा जाता हैं। यह महीना मुसलमानो के लिए एक पवित्र महीना माना जाता हैं। यह महीना इबादत का महीना कहलाता हैं।

इस महीने में मुसलमान रोज़ा (उपवास) रखता हैं, खुदा की इबादत करता हैं, क़ुरान पढता हैं, ज़कात अदा करता हैं, और नमाज़ की पाबन्दी करता हैं।

इस महीने में हर मुसलमान को हिदायत दी जाती हैं की वो वह पुरे रमज़ान में रोज़ा रखे, पाबन्दी से पांच वक़्त की नमाज़ अदा करे, गलत आदतों से दूर रहे और नेक काम करे। रोज़ा इस्लाम की पांच प्रमुख स्तम्भों में से एक स्तंम्भ हैं।

रोज़ा एक ऐसी इबादत है, जो मुसलमान मर्द औरत पर फ़र्ज़ है। अल्लाह के प्यारे रसूल (सल्ल.) फरमाते हैं जिसने अल्लाह के वास्ते सवाब की नियत से रमज़ान के रोज़े रखे उसके गुनाह बख्श दिए जाएंगे। इससे बड़ी और क्या बात हो सकती है कि बन्दे के गुनाह बक्श दिए जाए और उसे जन्नत की बशारत मिल जाए।

अगर किसी मजबूरी बीमारी की वजह से कोई रोज़ा न रख सके तो ईद के बाद इसकी कज़ा रखना भी फ़र्ज़ है। फजर का वक्त होने से पहले और सूरज डूबने तक खाने पीने और हमबिस्तरी,गन्दी बुरी ज़बान, बुरी नज़र से बचे रहने को रोज़ा कहा जाता है।

यह सब अल्लाह की रज़ा और उसके हुक्म पर अमल करने की नियत से होना चाहिए ताकि मकसद पूरा हो सके। अगर किसी ने रोज़ा रखने की नियत कर ली लेकिन दुआ नहीं पढ़ी तो भी उसका रोज़ा हो जाएगा।

ROZA RAKHNE KI DUA रोजा रखने की दुआ हिंदी में
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रोजा रखने की दुआ हिंदी में

रमजान रखने की दुआ – सबसे पहले फज्र की अजान कुछ घंटे पहले उठे उसके बाद मुंह धोना, पाक साफ होना, दातुन करना, साफ़ सफाई बदन की करना करें इसके बाद जो भी खाना आपके पास हो उसे बिस्मिलाह करके खा ले

फज्र की अजान से पहले रमजान रोजा की नियत करें रमजान सेहरी करने (खाने) की नियत करने का तरीका पहले ही बताया गया है जब फज्र की अजान हो तो 2×2 यानी कुल चार रकात नमाज पढ़े इसके बाद सोना हो या जो भी आपके काम हो वह करें

अगर कोई अन्य काम नहीं है तो जितना अधिक हो सके अल्लाह की इबादत करें इबादत करने के लिए कोई सीमा नहीं है जितना आपसे हो पायें उतना करें

जितना अधिक रमजान रोजा के महीने में इबादत करेनेगे उतना ही अधिक सवाब मिलेगा इसके बाद शाम (इफ्तार) के वक्त जो भी आपने इन्तेजाम किया है दुआ के बाद खाएं रमजान (इफ्तार) की दुआ पहले ही बताया गया है

रोजा रखने की दुआ हिंदी में ROZA RAKHNE KI DUA

NOTE: इस्लाम में हराम कमाई और हराम खाने की सख्ती से मनाही है इसलिए हराम के खाने से बचे वर्ना आपका रोजा रखने से कोई फायदे नहीं है

यहाँ पर रोजा रखने की दुआ हिंदी में ROZA RAKHNE KI DUA बताया जा रहा है –

ROZA RAKHNE KI DUA

व बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरि रमजान

रोजा खोलने की दुआ (इफ्तार)

अल्लाहुम्म लका सुम्तु व अला रिज़क़िका अफतरत

रोजा रखने के नियम

रमजान रोजा रखने की नियत (सेहरी) करना

पांच वक्त की नमाज पढ़ना

इफ्तार करना रमजान रोजा के महीने में तरावीह की नमाज, ईशा नमाज के बाद पढ़ना

गुनाहों से बचना हराम खाने से बचना अधिक से अधिक अल्लाह की इबादत करना

अल्लाह पाक से रो रों कर नमाज बाद दुआ माँगना

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