इस्लाम के 72 फिरके के नाम 72 FIRKE OF ISLAM IN HINDI

इस्लाम के 72 फिरके के नाम 72 FIRKE OF ISLAM IN HINDI
इस्लाम के 72 फिरके के नाम 72 FIRKE OF ISLAM IN HINDI

इस्लाम के 72 फिरके के नाम 72 FIRKE OF ISLAM IN HINDI इस्लाम में कितने फिरके है 72 firko ke naam 72 sects of Islam list 72 Firke in Islam

FIRKA : इस्लाम धर्म में कई समुदाय एंव फिरके है आज हम इस्लाम धर्म के 72 723 फिरको के बारें में जानकारी शेयर कर रहे है – इस्लाम धर्म में मुख्य समुदाय शिया व् सुन्नी एंव खारिजी है इन समुदाय में भी मतभेद है। शिया समुदाय के 12 इमाम है। जबकि सुन्नी के 4 इमाम, सभी इस्लाम के इमाम के नाम पहले ही बताया गया है।

इस्लाम धर्म में फिरका या फिरकापरस्ती शब्द का वर्णन मिलता है लेकिन फिरका का मतलब अर्थ बहुत लोग नहीं जानते है ऐसे में आपको बता दे फिरका का अर्थ मतलब मीनिंग इन हिंदी होता है “जमात या गिरोग बनाना”

ऐसे बहुत से इस्लाम में समुदाय है जो शिया या सुन्नी से हटकर इस्लाम के नियम को मानते है इस वजह से से फिरका शब्द की उत्पत्ति हुई सरल भाषा में कहे हो इस्लाम धर्म में इस्लाम को लेकर कुछ आपसी मतभेद होने के कारण फिरका शब्द की उत्पत्ति हुई

इस्लाम के 72 फिरके के नाम 72 FIRKE OF ISLAM IN HINDI
72 FIRKE OF ISLAM IN HINDI इस्लाम के 72 फिरके के नाम

इस्लाम के 72 फिरके के नाम

इस्लाम में 72 फिरके (सेक्ट) के नाम का उल्लेख हदीस में मिलता है, लेकिन यह नाम LIST या संबंधित जानकारी का कोई स्थायी सोर्स नहीं मिला है। इसलिए, इस विषय पर एकदम ठीक से जानकारी प्रदान करना कठिन है। कुछ लोग इसे एक आखिरी सूरत में उल्लेख किया गया है जिसमें 72 फिरकों का जिक्र है, जिसमें से एक फिरका जन्नत में जाएगा।

  • द्रुज
  • खोजा
  • दाऊदी
  • बोहरा
  • इस्माइली
  • जैदी
  • जाफरी
  • इशना
  • अशरी
  • अहले हदीस
  • सलफी
  • बरेलवी
  • देवबंदी
  • वहाबी
  • सूफी
  • हम्बली
  • मलिकी
  • शाफई
  • हनफी

इस्लाम के 72 फिरके के नाम 72 FIRKE OF ISLAM IN HINDI

यहाँ पर इस्लाम के 72 फिरके के नाम 72 FIRKE OF ISLAM IN HINDI –

इस्लाम के 72 या 73 फिरके होंगे साथ ही हदीस में एक फिरका जन्नती होगा इसका भी जिक्र मिलता है क़यामत आने से पहले दुनिया में इस्लाम के 73 फिरके हो जायेंगे

सभी फिरके इस्लाम को मानते है, साथ ही कुछ अंतर भी है यह एक-दूसरे की मस्जिदों में नमाज नहीं पढ़ते और एक दुसरे की हदीसों को भी नहीं मानते है। सबके नमाज पढ़ने का तरीका , अजान , सब अलग है।

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